गुरुपूर्णिमा पर स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ में भक्तों ने गपांचकुंडीय गायत्री महायज्ञ कर इंद्रदेव से भरपूर फसलों व चारे व सबके भले की मंगलकामना करते हुए आहुतियां दी। गायत्री परिवार के संस्थापक पं.श्रीरामशर्मा के भारतीय संस्कृति के उन्नयन को लेकर रचित अट्ठारह सूत्रों को पूरा करने के संकल्प लिया। स्वयंसेवक सांवलाराम कपूरड़ी का अभिनंदन किया गया।
दामाद के हाथ-पैर तोड़ने की कीमत साढ़े नौ लाख रुपए, पढि़ए पूरा समाचार
अम्बेडकर बौद्ध पार्क मे गुरु पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षु भंते शील शिरोमणि, भंते सिद्धार्थ एवं अनुसूचित जाति जनजाति विशिष्ट न्यायालय के न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने गरीब, कमजोर, विधवा महिलाओं तथा दिव्यांगो को राहत सामग्री , दिव्यांग साइकिल, सिलाई मशीन, छत पखे बांटे तथा पौधरोपण कर मानवकल्याण की बात कही। भंते शील शिरोमणि एवं भंते सिद्धार्थ ने लोककल्याण का उपदेश देते हुए कहा कि हमें हर प्राणी के उत्थान का कार्य करना चाहिए। मुख्य अतिथि विशिष्ट न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार ने विधिक जानकारी देते हुए बताया कि कानूनी जानकारी आपका अधिकार है। ,नवलकिशोर लीलावत, शिक्षाविद् भोजाराम बौद्ध, डालूराम सेजू तथा भेरूलाल नामा, अनिल बौद्ध ने भी विचार व्यक्त किए। मधु बौद्ध एवं नीलम लीलावत ने आभार व्यक्त किया।
यह भी पढ़ें : अलंकार पुरस्कार से सम्मानित होंगे इडब्ल्यूएस के विद्यार्थी |
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में गुरु पूर्णमा के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में अध्यक्षीय उद्बोधन में जिलाध्यक्ष गोरधनसिंह सोढा ने कहा कि गुरु के बिना जीवन अज्ञान अंधेरे में भटकता है और अध्यात्म गुरु आत्मा को परमात्मा से मिलाने का मार्ग बताते हुए भव बन्धनों से मुक्ति करवाता है। नगर अध्यक्ष राणाराम गोयल ‘अभि’ ने बताया कि मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि एवं विचारक सरूप पंवार थे जबकि विशिष्ट अतिथि चंपा लाल सेजू, हेमलता सोनी व सोनल शर्मा रहे। संतोषकंवर, हिना शर्मा, संजना सिंह, उदिता राजपुरोहित, कंचन राजपुरोहित उपिस्थत रहे।