मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021 के बजट भाषण में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। प्रदेश के 64 हजार 479 सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के 70,77, 465 बच्चे, जिसमें 34, 81,646 छात्र, व 35, 95,819 छात्राओं को सिली हुई यूनिफॉर्म निशुल्क देने का निर्णय किया। इसको लेकर टेंडर प्रक्रिया शुरू की लेकिन छह सौ रुपए में दो ड्रेस देने से राशि कम होने पर विभिन्न फर्म ने मना कर दिया। इसके बाद निर्णय किया गया कि फर्म दो ड्रेस का कपड़ा 425 रुपए में देगी, जबकि सिलाई की राशि 175 रुपए संबंधित स्कूल की एसएमसी के खाते में आएंगे।
600 रुपए में दो यूनिफॉर्म
राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों जारी निविदा में 600 रुपए में दो यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने की शर्त रखी गई थी। ज्यादातर कारोबारियों ने इस शर्त की वजह से निविदा से दूरी बना ली थी। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कई कंपनियों के प्रतिनिधियों से बात भी की, लेकिन ज्यादातर कंपनियों का कहना था कि महंगाई के इस दौर में 600 रुपए में कपड़ा ही नहीं आता, ऐसे में सिलाई कहां से कराएंगे।
सरकार ने बैंक खातों की जुटाई थी जानकारी
निशुल्क यूनिफॉर्म उपलब्ध को लेकर पिछले सत्र में सरकार ने सभी के बैंक खातों की जानकारी जुटाई थी, लेकिन अभी तक न खातों में पैसा आया और न ही बच्चों को यूनिफॉर्म मिल सकी है। अगले महीने से नया शैक्षिक सत्र शुरू होना है। अभी भी शिक्षा विभाग की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है।
ये रहेगा यूनिफॉर्म कलर
– छात्रों को हल्की नीले शर्ट व गहरी भूरी/धूसर नेकर/पेंट
– छात्राओं को हल्की नीली शर्ट/कुर्ता, गहरी भूरी/धूसर सलवार/स्कर्ट
– कक्षा 5वीं तक छात्राओं को चुन्नी नहीं। कक्षा 6 से 8 तक की छात्राओं की गहरा भूरा/धूसर दुपट्टा (चुन्नी)
– पांचवीं तक के छात्रों को शर्ट व नेकर, कक्षा 6 से 8 तक शर्ट व पेंट
जल्द मिले यूनिफॉर्म
एक सप्ताह बाद 1 जुलाई से विद्यालय खुल रहे हैं और इस सत्र से विद्यालय गणवेश में परिवर्तन होने से सभी विद्यार्थियों को नई यूनिफॉर्म की आवश्यकता रहेगी। ऐसे में सरकार को अतिशीघ्र विद्यार्थियों को गणवेश तैयार कर दी जाए। महंगाई के दौर में सिलाई की राशि 175 रुपए पर्याप्त नहीं है।
– बसंतकुमार जाणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा
राज्य स्तर का मामला
निशुल्क यूनिफॉर्म का मामला राज्य स्तर का है। हमसे जानकारी मांगी थी जो भिजवाई गई है। वैसे मामला प्रक्रियाधीन है, जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है।
– भीखाराम प्रजापत, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय बाड़मेर