बावजूद इसके स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा नहीं हुई जिस पर इन विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता सहित अन्य पद नहीं मिल पाए हैं। वहीं, दूसरी ओर प्राथमिक शिक्षा में दो बार स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा हो चुकी है। प्रदेश में छह साल पहले स्टाफिंग पैटर्न लागू किया गया। इसके तहत जिन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ११वीं व १२वीं कक्षाओं में अस्सी से कम नामांकन था, वहां अनिवार्य विषय हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता के पद स्वीकृत नहीं किए गए। छह साल में इसकी समीक्षा एक बार भी नहीं हुई जिस कारण अस्सी से अधिक नामांकन के बावजूद हजारों स्कू लों में व्याख्याता के पद स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं।
वर्तमान में प्रदेश में ३४९४ स्कू ल एेसे हैं जहां नामांकन अस्सी से अधिक है लेकिन स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा नहीं होने के कारण यहां हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता के पद स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। वहीं अन्य विषयों की स्वीकृति या व्याख्याता के पद स्वीकृत नहीं हो रहे हैं।
जिले में १९२ स्कू लों को नहीं मिल रहे व्याख्याता- स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा नहीं होने के कारण जिले के १९२ स्कू लों में हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता के पद स्वीकृत नहीं हो रहे हैं। एेसे में हजारों विद्यार्थियों को वरिष्ठ अध्यापकों के भरोसे शिक्षण करना पड़ रहा है। अगर स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा हो जाए तो व्याख्याता के पद स्वीकृत हो सकते हैं।
बढ़ा दस लाख नामांकन, पद नहीं- जानकारी के अनुसार पिछले पांच सत्र में प्रदेश के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयें में दस लाख नामांकन बढ़ा है। इस हिसाब से देखा जाए तो हजारों पद व्याख्याताओं के स्वीकृत हो सकते हैं लेकिन एेसा नहीं हो रहा। क्योंकि छह साल से स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा ही नहीं हुई है। प्राथमिक में दो बार समीक्षा- प्राथमिक शिक्षा में दो बार स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा हो चुकी है। इसका फायदा यह हुआ है कि जहां नियम के तहत नामांकन बढ़ा है वहां शिक्षकों के पद भी स्वीकृत हुए हैं। वहीं, पिछले पांच साल में हुई भर्तियों में इन स्कू लों में शिक्षक भी लगे हैं।
होनी चाहिए समीक्षा- स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा होनी जरूरी है। इससे एक तरफ जहां पद बढऩे पर युवाओं को नौकरी के अवसर मिलेंगे तो दूसरी ओर विद्यार्थियों को विशेषज्ञ शिक्षकों से शिक्षण का अवसर। माध्यमिक शिक्षा में अविलम्ब स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा होनी चाहिए। – बसंतकुमार जांणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा बाड़मेर
कोई आदेश नहीं- माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न को लेकर हमारे पास कोई आदेश नहीं है। प्राथमिक में आदेश आने की जानकारी है। – जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक बाड़मेर