बाड़मेर निवासी युवती ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पहले वह पैदल कॉलेज जाती थी। तब यहां काम कर रहे जम्मू- कश्मीर कुपवाड़ा निवासी गुलजार ने चोरी-छुपे उसके फोटो लिए। उसने फोटो में छेड़छाड़ कर अश्लील फोटो बनाए और उसे डराया व धमकाया। वह 16 मार्च 2018 को घर से बड़ौदा के लिए रवाना हुई तब गुलजार ने डरा-धमका कर अहमदाबाद में उतरने को मजबूर किया और टिकट व्हाट्सएप पर भेज श्रीनगर बुलाया। वहां गुलजार ने उर्दू एवं अंग्रेजी में तैयार दस्तावेज पर जबरन हस्ताक्षर करवाए। बंदूक दिखाकर डराया और जान से मारने की धमकी देकर मेरी सहमति का वीडियो बनाया। उस वीडियो में छेड़छाड कर यूट्यूब पर अपलोड किया।
गौ-मांस खाने का बनाया दबाव पीडि़ता ने आरोप लगाया है कि आरोपी बदमाश प्रवृत्ति के हैं, वे कम उम्र की हिन्दू लड़कियों को डरा-धमका लव जिहाद के नाम पर अपहरण कर ले जाते हैं और उनका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करते हैं। उन्होंने उसका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने के बाद कुपवाड़ा में गौ-मांस खाने का दबाव बनाया। नहीं खाने पर आरोपियों ने नजरबंद रखा और बात-बात पर माता-पिता को जान से मारने की धमकी देते थे। उन्होंने नमाज पढऩे के लिए भी दबाव बनाया।
तीन माह रखा अनजान जगह उसने बताया कि पहले कुपवाड़ा ले गए। तीन माह तक पाकिस्तान की सीमा के नजदीक अनजान जगह रखा। उसके बाद कुपवाड़ा लाया गया। वहां आरोपी का भाई इकबाल परेशान करता था। इकबाल व गुलजार उसे दुबई में बेचना चाहते थे।
पुलिस पहुंची, नहीं बता पाई पीड़ा पीडि़ता ने कहा कि मेरे गायब होने के बाद थाने में दर्ज गुमशुदगी की जांच के लिए बाड़मेर पुलिस कुपवाड़ा आई थी, लेकिन आरोपी गुलजार का भाई कुपवाड़ा में पुलिस में था, इसलिए मुझे डरा दिया था। बाड़मेर पुलिस के सामने मेरे बयान डरा- धमका कर करवाए गए। कश्मीर हाईकोर्ट को दिए दस्तावेज में कथित निकाह व धर्म परिवर्तन की जो तिथि अंकित है, वह गलत है। दस्तावेज में बताई तारीख को वह मुंबई में जन्मदिन मना रही थी।
एक माह से मिल रहा आश्वसन पीडि़ता ने बताया कि उसने एक माह पहले पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर मामले में कार्रवाई की मांग की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि पुलिस मामले को ठण्डे बस्ते में डाल रही है। पीडि़ता ने पुलिस से न्यायालय में बयान करवाने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।