इस बीच राजस्थान से सांसद और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि मैं आने-जाने से चूक रहा हूं, लेकिन लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में मेरी गलती की सजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को न दें। देश को ऐसा नेतृत्व दोबारा कभी नहीं मिलेगा।” केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी (Union Minister Kailash Chaudhary) बाड़मेर से बीजेपी सांसद हैं।
राजस्थान की 11 लोकसभा सीटों पर इस बार चेहरे बदले जा सकते हैं। राजसमंद सांसद रहीं दीया कुमारी, जयपुर ग्रामीण सांसद रहे कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और अलवर सांसद रहे बाबा बालकनाथ विधायक बन चुके हैं। ऐसे में राजसमंद, जयपुर ग्रामीण और अलवर लोकसभा सीट पर नए उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे।
इसके अलावा 3 सीटों के सांसद राजस्थान विधानसभा चुनाव हार गए थे। इस कारण जालोर-सिरोही से देवजी पटेल, अजमेर से भागीरथ चौधरी और झुंझुनूं से नरेंद्र कुमार खींचड़ को फिर से टिकट मिलने पर संशय है। साथ ही उदयपुर से अर्जुन लाल मीणा, भरतपुर से रंजीता कोली, बांसवाड़ा-डूंगरपुर से कनकमल कटारा, दौसा से सांसद जसकौर मीणा और टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया की जगह किसी और को मौका दिया जा सकता है।
गौरतलब है कि दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में गुरुवार देर रात प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक हुई। जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ सहित डेढ़ दर्जन से ज्यादा राज्यों की 155 सीटों पर मंथन हुआ। करीब चार घंटे तक चली मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सहित शीर्ष नेता मौजूद रहे। सीईसी मीटिंग से पहले प्रधानमंत्री निवास पर 6 घंटे तक चली बैठक में 21 राज्यों की 300 सीटों पर उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया गया।