डॉ. हरि दयाल चौधरी ने बताया कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन के चलते बेर में कई समस्याएं आ रही है। साथ ही उन्होंने बेर की विभिन्न किस्मों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। डॉ. बीएल जाट ने बेर मेें कीट व रोग प्रबंधन के बारे में बताया।
सहगल फाउंडेषन बाड़मेर संजय तिवारी ने इस तरह की कार्यशालाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आने वाले समय में जिले में बेर के क्षेत्रफल में वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं। रोबिन जीवा केयर्न फाउंडेशन ने वाडी परियेाजना के बारे में अगवत करवाया। छगनलाल, खुमाराम उपस्थित थे।