देश में कई जगह पर घूमा हूं, ऐसा विरला उदाहरण मुझे यहां मिला है। प्रतिभाएं इस प्रोत्साहन को मंजिल हासिल करने का मार्ग बनाएं। जांगिड़ ने यहां प्रभावित होकर एक लाइब्रेरी के लिए सारा सामान भेंट किया। इसमें 110 टेबल चेयर, अलमारी, कंप्यूटर, सीसीटीवी, स्मार्ट क्लास रूम एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की आवश्यक पुस्तकें प्रदान की है। इससे पहले जांगिड़ औचक निरीक्षण को लेकर कलाम आश्रम पहुंचे।
उन्होंने विद्यार्थियों के कमरों में पहुंच उनकी पढ़ाई को परखा और प्रशंसा की। आश्रम के संरक्षक महेन्द्रसिंह चौधरी ने आभार जताते हुए कहा कि सभी मिलकर शिक्षा का प्रयास करें तो बेहतर परिणाम आ सकते है। कलाम आश्रम ने इसको साबित किया है।
उन्होंने कहा कि जांगिड़ ने लाइबे्ररी का सामान देकर कई पीढिय़ों के लिए पढाई का स्थाई प्रबंध किया है। आश्रम के संस्थापक डा. भरत सारण ने कहा कि जिले के सभी वर्ग से जुड़े लोग मिलकर शिक्षा में अपनी भूमिका निभा सकते है। डा.कलाम व स्वामी विवेकानंद के सपने को साकार करने का जिम्मा हम पर है।