घरों में प्रतिदिन नए नए व्यंजन बनने लगे है। घरों में महिलाएं प्रतिदिन अलग अलग व्यंजन बनाकर परोस रही है। पत्रिका टीम ने मंगलवार को शहर के अलग अगल इलाकों में देखा तो घर घर में चपपटे व्यंजन बनाते नजर आए।
भगतो की गली टीम भगतों की गली में राधेश्याम मुंदडा में मकान पहुंची तो यहां पर मुंदडा की दो बेटिया कायरा व चार्मी ने घर पर मालपुए व पीजा बना रही थी। उन्होने बताया लाॅकडाउन के दौरान घर में इटली, डोसा, बर्गर, हलवा, चाउमीन, लडडू सहित कई व्यंजन बनाए। परिवार के साथ बैठकर खाने का आंनद ही कुछ और है।
झूलेलाल काॅलोनी महावीर स्थित झूलेलाल काॅलोनी में कन्हैयालाल चांडवानी की बहु नंदिनी घर में कचोरी बना रही थी। नंदिनी ने बताया कि लाॅकडाउन में घर में रसगुल्ले, कचोरी, समोसा, सेंडवीच, दाल चक् की सहित कई प्रकार की मिठाईयां व चटपटे व्यंजन बनाएं। उन्होने बताया कि परिवारजनों की इच्छा के अनुसार प्रतिदिन अलग अलग व्यंजन बनते है।
नेहरू नगर यहां पर हरूमल बालवानी के घर पर उनकी पत् नी कौशल्या बालवानी ने घर में दाल व सूजी का हवला बनाया। इसके साथ नमकीन सहित अन्य व्यंजन बनाए। उन्होने बताया कि लाॅकडाउन में परिवार के सभी सदस्य घर पर है। सबकी पंसद के अनुसार अलग अलग व्यंजन प्रतिदिन बनते है।
जैन न्याति नोहरा की गली यहां पर वर्तमान पार्षद महावीर बोहरा के घर पर उनकी पत् नी मधु बोहरा ने घर में दाल पकवान व सूजी के पराठे बनाएं। मधु ने बताया कि इससे पहले पानी पूरी, आईस्क्रीम, कचोरी, पीजा, लस्सी, मिठाईयां सहित कई व्यंजन बनाए।
आचार्यों का वास यहां पर पूर्व पार्षद रमेश आयार्य के यहां उनकी बेटी खुश्बू पकोडे व सेंडवीच बना रही थी। खुश्बू ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद पानी पूरी, दाल पकवान, खमण, इटली, डोसा, चूरमा सहित कई व्यंजन बनाएं। प्रतिदिन नए नए व्यंजन बनाने का अलग ही अहसास है।