वहीं, पुलिस व प्रशासन भी अब सख्ती बरतते नजर नहीं आते जिस पर कोरोना नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। एेसे में जबकि तीसरी लहर की बात चल रही है, यह बेपरवाही जागरूक लोगों को जरूर चिंता में डाल रही है।
विश्व व्यापी बीमारी कोरोना ने जिले में पहली व दूसरी लहर में काफी कहर बरपाया। पहली लहर में भी जिला कोरोना की चपेट में आया तो कई इलाकों में सम्पूर्ण लॉकडाउन रहा। बेरिकेड्स लगे तो आवाजाही बंद की।
दूसरी लहर आई तो जिले में २४६ परिवारों को अपनों को खोने का दर्द दे गई। वहीं, करीब उन्नीस हजार लोगों को कोरोना ने चपेट में लिया। लोग कई दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते रहे।
चिकित्सकों की मेहनत, प्रशासन की सख्ती के बाद कोरोना काबू में आया तो लॉकडाउन में छूट मिली, लेकिन अब इसका शहरवासी बेजा फायदा उठा रहे हैं। इस पर कोरोना गाइडलाइन जगह-जगह टूट रही है।
शहर में पग-पग पर लापरवाही, कहीं पड़ न जाए भारी- थारनगरी बाड़मेर में लोगों की बेपरवाही पग-पग पर नजर आ रही है। मुख्य बाजार में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ रही है। यह भीड़ कोरोना नियमों को तार-तार कर रही है। सोशल डिस्टेंस तो सडक़ से लेकर दुकान और गली से लेकर चौराहों हर जगह नजर नहीं आती। अब तो मास्क लगाने में भी लोग परहेज बरत रहे हैं। एेसे में यह लापरवाही न केवल खुद के वरन जिले के लोगों के लिए भी भारी पड़ सकती है।
जागरूक लोग कर रहे तीसरी लहर की चिंता- एक तरफ जहां लोग कोरोना नियमों की पालना नहीं कर रहे तो जिले में कई जागरूक लोग इस बेपरवाही को तीसरी लहर का न्योता देना मान चिंतित हो रहे हैं। उनके अनुसार कोरोना का असर अभी विश्व में खत्म नहीं हुआ है, एेसे में यह बेपरवाही बाड़मेर के लिए कहीं भारी न पड़ जाए।