मानवेन्द्रसिंह ने बताया कि अभी उनकी तबीयत स्थिर है। वे दिल्ली हमारे घर पर ही है। यहां मां और हम दोनों भाईयों में से एक उनकी देखभाल को अवश्य ही रहते है। उनको टयुब के जरिए डाईट दी जा रही है। जिसमें दाल, राब और वेजिटेबल सूप देते है। वजन काफी घट गया था जो अब ठीक है। आंखों की पुतलियांे में पहले ज्यादा हरकत थी लेकिन अब थोड़ी कम हुई है। मूवमेंट भी काफी कम हो गया है। अभी चिकित्सकों ने कहा है कि सेवा करें। उनकी उम्र 80 वर्ष और 5 महीने की है। 14 अगस्त 2014 को वे बीमार हो गए थे। उनकी देखभाल हमारी प्राथमिकता में है।
जसवंत का निवास है जसोल- जसवंतसिंह का मूल निवास जसोल गांव है। यहां पर उनका झोंपा व मकान बना है। जसवंत साल में दो तीन बार यहां आने के साथ ही अपने झोंपे में ही ठहरते थे। उनका गांव के प्रति लगाव रहा है। साथ ही वे यहां अपने खेत की बाजरी, मंूग, मोठ और अन्य उपज दिल्ली मंगवाते थे। उनके लिए यहां की उपज से बने खाद्य पदार्थ प्राथमिकता में रहे है।