किसानों का अनार विदेशों तक किस तरह से पहुंच सके उसमें क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए आदि बातों पर कृषक एवं निर्यातकों के मध्य अधिकारियों की उपस्थिति में वार्ता हुई। एपीडा के जनरल मैनेजर यू.के. वत्स ने एपीडा से मिलने वाली अनुदान एवं योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि एपीड़ा इसमें भरपूर सहयोग करेगा। एपीडा के जनरल मैनेजर डॉ. वी.के. विद्यार्थी ने ब्रांडिंग व मार्केटिंग पर जोर देते हुए कहा कि एफपीओ दो करोड़ तक पैकेजिंग के लिए एपीडा से सहायता प्राप्त कर सकता है। एपीडा के सहायक जनरल मैनेजर मानप्रकाश विजय ने कहा कि भारत सरकार एवं कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा निर्यात को बढ़ाने के लिए एपीडा के साथ मिलकर किया प्रयास सराहनीय है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अध्यक्ष नरेन्द्र राणा ने इसकी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड के मनोज ढेंढवाल तथा कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर व केवीके के वैज्ञानिकों ने सरदार पटेल अनार मंडी में उपस्थित किसानों को संबोधित किया। कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी के प्रभारी डॉ. प्रदीप पगारिया ने बताया कि जिले में अनार लगभग सात हजार हैक्टेयर में, बेर 700, खजूर 150, अंजीर 50 हैक्टेयर व सब्जियां लगभग 500 हैक्टेयर मेंहो रही है।
एपीडा के सहयोग से बाड़मेर जिले में पहली बार 10-15 निर्यातक महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक राज्यों से किसानों के प्रक्षेत्र भ्रमण में भाग लिया। केन्द्र के डॉ. हरि दयाल चौधरी ने अनार में रोग व कीट प्रबंधन,फूल व फल बनने की अवस्था पर खाद व उर्वरकों का समन्वित प्रबंधन, अनार में फूल धारण व फल सेटिंग, अनार का मूल्य संवर्धन आदि के बारे में जानकारी प्रदान की।