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बाड़मेर

गांवों में टूट रहा बेटियों के पढऩे का सपना, दो सौ स्कू  लों में नहीं उच्च शिक्षा

– पढ़ाई छोडना या लम्बा सफऱ करना मजबूरी
– ग्राम पंचायत से बाहर बालिकाओं को नहीं भेजने से छूट रही पढ़ाई

बाड़मेरJul 12, 2021 / 11:55 pm

Dilip dave

गांवों में टूट रहा बेटियों के पढऩे का सपना, दो सौ स्कू  लों में नहीं उच्च शिक्षा

गांवों में टूट रहा बेटियों के पढऩे का सपना, दो सौ स्कू  लों में नहीं उच्च शिक्षा

बाड़मेर. जिले की हजारों बेटियों का पढ़ लिखकर आगे बढऩे का सपना उच्च शिक्षण स्कू ल नहीं होने से टूट रहा है।

यह स्थिति एक-दो नही जिले की दो सौ ग्राम पंचायतों की है, जहां बारहवीं तक स्कू ल नहीं होने से बालिकाए आठवीं या दसवीं पढऩे के बाद पढ़ाई छोडऩे या प्राइवेट पढऩे को मजबूर है। सरकार का घोषणा कर रखी है कि हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उच्च माध्यमिक विद्यालय होगा लेकिन दो साल पहले बनी दो सौ ग्राम पंचायतों को शिक्षा विभाग ने अभी तक पीईईओ परिक्षेत्र नहीं बनाया जिस पर यहां उच्च माध्यमिक स्कू ल नहीं है।
प्रदेश में पंचायतराज चुनाव से पूर्व २०१९-२० में नवीन ग्राम पंचायतों का गठन किया गया। इन ग्राम पंचायतों के गठन के बाद सरकार की घोषणा के अनुरूप यहां उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय होना था, लेकिन शिक्षा विभाग ने अभी तक न तो पंचायत समितियों का पुनर्गठन कर सीबीईओ कार्यालय शुरू किए और ना ही ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पीईईओ परिक्षेत्र बनाए जिस पर यहां अभी भी उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय ही संचालित हो रहे हैं।
यह स्थिति जिले में दो सौ ग्राम पंचायतों की है तो प्रदेश में १२६४ नव गठित ग्राम पंचायतों में से अधिकांश की है। इसका असर बालिका शिक्षा पर पड़ रहा है। जिले में एेसी ग्राम पंचायतें जहां उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है, वहां की बालिकाएं चिंतित है कि कहीं उन्हें पढ़ाई बीच में ही नहीं छोडऩी पड़े, क्योंकि अभिभावक घर से दूर पढऩे भेजने में आनाकानी करेंगे और गांव में उच्च शिक्षा की सुविधा नहीं है। साइकिलें है तो सडक़ नहीं, दूरी ज्यादा वाहन नहीं- जिले में कई धन्ने का तला, आकल, बांकणा तला सहित कई ग्राम पंचायतों में छितराई ढाणियों में बालिकाएं पढ़ रही है। इन घर से अन्य ग्राम पंचायत तक पहुंचने के लिए सडक़ नहीं है, एेसे में साइकिल का उपयोग नहीं हो पा रहा। दूसरी ओर वाहनों की आवाजाही कम होने और स्कू ल समय के अनुरूप नहीं होने पर बालिकाएं या तो पैदल स्कू ल जाए या फिर पढ़ाई छोडऩे को मजबूर हो।
अभिभावक सुरक्षा को लेकर चिंतित, बालिकाएं शिक्षा को- नया सत्र शुरू होने से पहले उच्च माध्यमिक स्तर तक स्कू ल नहीं खुलने पर अभिभावक अन्य ग्राम पंचायत पर बालिकाओं को पढऩे भेजने के लिए उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है तो बालिकाएं इस चिंता में है कि कहीं उनकी पढ़ाई ना छूट जाए।
रामावि बांकाणा तला से 10वीं उत्तीर्ण की है, हमारी ग्राम पंचायत हुडों का तला में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है। आगे की पढ़ाई के लिए 7 किमी दूर जाना संभव नहीं होगा, ऐसे में पढ़ाई छूट जाएगी।- छात्रा कानू चौधरी, रामावि बांकाणा तला
नवीन ग्राम पंचायत बाधा में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है। इस विद्यालय से 10वीं उत्तीर्ण करने के बाद आगे की पढ़ाई हेतु गंगासरा जाना पड़ता है, जो हमसे 8 किमी दूर पड़ता है। – देवी, छात्रा रामावि बाधाग्राम
पंचायत आकल में उच्च माध्यमिक स्तर तक का विद्यालय नहीं है। 10वीं उत्तीर्ण के बाद पढ़ाई छोडऩे को मजबूर होना पड़ेगा। यदि विद्यालय क्रमोन्नत हो जाए तो आगे की पढ़ाई हो पाएगी। – सुआ प्रजापत, छात्रा, रामावि बालू खान की ढाणी, ग्राम पंचायत आकल
10वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए 10 किमी दूर चिचड़ासर जाना पड़ता है, ऐसे में दूरी के कारण कई विद्यार्थियों की पढ़ाई छूट जाती है। – नफीसा बानो, छात्रा, रामावि कंडानियों का तला
ग्राम पंचायत आकल में उच्च प्राथमिक विद्यालय है, आगे की पढ़ाई के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। सरकार विद्यालय शीघ्र क्रमोन्नत करे।- भंवरी, छात्रा, राउप्रावि आकल सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कह रही है तो दूसरी ओर बालिका विद्यालय तो दूर सामान्य स्कू ल भी बाहरवीं तक नहीं है। बालिकाएं पढ़ाई छोडऩे को मजबूर है।- भगवती, राउप्रावि आकल
इसी सत्र में हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उच्च माध्यमिक विद्यालय खुलने चाहिए। इसके अभाव में बालिकाओं को पढ़ाई छोडऩी होगी,क्योंकि अभिभावक गांव से बाहर भेजने की इजाजत नहीं देंगे।- देवी, रामावि रामदेव नगर

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