बुधवार सुबह करीब 5:30 बजे बाड़मेर से जोधपुर जाने वाली बाड़मेर से पैसेंजर ट्रेन धड़धड़ाती हुई वहां से गुजरी, ट्रेन जब यहां से गुजरी तो जोरदार धड़-धड़ की आवाज आनी शुरू हो गई। इस आवाज को सुनते ही पास की ढाणी में सो रहा किसान पुनमाराम पुत्र विशनाराम जाट अचानक ही जाग उठा तथा प्रत्येक डिब्बे से गुजरने के साथ आने वाली इस धड़ाम धड़ाम की आवाज को सुनते ही वह सीधा रेलवे ट्रैक की तरफ दौड़ गया। वहां जाकर जब उसने देखा तो पटरी के ज्वाइंट पर क्रैक था तथा ऊपर का हिस्सा टूटकर अलग हो गया था।
उसने मामले की सूचना देने के लिए बायतु रेलवे स्टेशन फोन किया मगर से फोन रिसीव नहीं हुआ तो बाड़मेर रेलवे स्टेशन को सूचना दी तथा उसके बाद उसने अपने भाई नारायण राम की मदद से बाड़मेर व जोधपुर कंट्रोल रूम को सूचना दी। अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचने तक किसान पूनाराम लाल कपड़ा लेकर रेलवे ट्रैक पर ही खड़ा रहा। सूचना के करीब एक घंटे बाद मौके पर रेलवे कर्मचारी अधिकारी पहुंच गए।
तब उसने मौका स्थिति से अधिकारियों को अवगत करवाया इसके बाद यहां से गुजरने वाली दो ट्रेनों को मौके से घटनास्थल से पहले रोक दिया तथा जीरो की स्पीड में यहा से गुजारा गया। इस तरह किसान की सूझबूझ से अन्य ट्रेनों के गुजरने से पहले ही अधिकरियों कर्मचारियों को सूचना देकर वहां से गुजरने वाली दिनभर की कई ट्रेनों व उनमें सवार हजारों यात्रियों को नुकसान न हो।
Broken rail track, accident averted यदि किसान पूनमाराम को नहीं मालूम पड़ता रेलवे ट्रेक के क्रेक का तो शायद बड़ा हादसा हो जाता। मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने अस्थाई तौर पर एक बार पटरी को रिपेयर किया। इस समय मौके पर कर्मचारी व अधिकारी मौजूद है।