उक्त दोनों फर्मों का कार्य पूर्ण होने पर परिवादी ने कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र व धरोहर राशि भी पुन: प्राप्त कर ली। उक्त कार्यो की कुल बिल राशि का १० प्रतिशत गारंटी के रूप में गारंटी अवधि तक के लिए अमानत राशि रोकी गई थी, जो गारंटी अवधि बीत जाने के दो वर्ष होने के उपरांत भी सहायक अभियंता सोहनलाल व मानाराम ने कमीशन के रूप में पूर्ण राशि नहीं मिलने का कहकर अमानत राशि रिलीज करने के लिए रिश्वत राशि पांच लाख रुपए की मांग की गई।
एसीबी ने २१ जुलाई को गोपनीय सत्यापन करवाया तो दोनों आरोपियों की ओर से पांच लाख रुपए रिश्वत राशि मांग करना पाया गया। उसके बाद बुधवार को सहायक अभियंता सोहनलाल को सरकारी आवास पर पांच लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
साथी सहायक अभियंता मानाराम को दस्तयाब करने के लिए धोरीमन्ना पुलिस की मदद से प्रयास किए जा रहे हैं।