रिफाइनरी में 25 हजार श्रमिकों को ऐसी लग रही है गर्मी कि दो की हो गई मौत
गर्मी से हालात बिगडऩे के बाद बताया जा रहा है कि सुबह 11 से शाम 4 बजे तक अब यहां श्रमिकों को विश्राम दिया जाने लगा है। लोहा-गर्मी और श्रम रिफाइनरी क्षेत्र में अब अधिकांश काम लोहे का हो रहा है। रिफाइनरी क्षेत्र में गर्मी बेतहाशा पड़ रही है। पास में ही नमक की झील का इलाका है जो ज्यादा गर्म हो रहा है।
बालोतरा में निर्माणाधीन पचपदरा रिफाइनरी में काम रहे मजदूरों के लिए गर्मी जानलेवा हो रही है। बीते तीन दिनों में दो श्रमिकों की मृत्यु अ ौर करीब एक दर्जन की तबीयत बिगडऩे से अस्पताल ले जाया गया है। यहां करीब 25 हजार श्रमिक काम कर रहे है। गर्मी से हालात बिगडऩे के बाद बताया जा रहा है कि सुबह 11 से शाम 4 बजे तक अब यहां श्रमिकों को विश्राम दिया जाने लगा है। लोहा-गर्मी और श्रम रिफाइनरी क्षेत्र में अब अधिकांश काम लोहे का हो रहा है। रिफाइनरी क्षेत्र में गर्मी बेतहाशा पड़ रही है। पास में ही नमक की झील का इलाका है जो ज्यादा गर्म हो रहा है। आसपास में हरियाली नहीं है। लोहे पर वेल्डिंग और गर्मी बढ़ाने वाले काम होने से श्रमिकों को यहां परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है। रात को भी नहीं चैन रिफाइनरी क्षेत्र के ये श्रमिक दिन में रिफाइनरी में रहते है और रात को इनको पास में ही बनी अस्थाई कॉलोनियों में बसेरा करना पड़ रहा है। जहां टीनशेड या जुगाड़ से बने हुए कमरे है। जिनमें सुविधाएं कम है। ऐसे में रात तक ये भीषण गर्मी का सामना कर रहे है। अतिरिक्त सुविधाओं की दरकार श्रम विभाग ने दो दिन पहले ही निर्देश दिया है नियोक्ता श्रमिकों का गर्मी में पूरा ख्याल रखे। आवश्यकता होने पर उनको अवकाश दें। कार्यस्थल पर छांव, दवा,पानी का प्रबंध रखे। दोपहर में काम नहीं करवाएं। रिफाइनरी में 25000 के करीब मजदूर है लेकिन अभी तक यहां पर श्रमिकों की स ुविधा को लेकर अलर्ट मोड की दरकार है।
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