2000 सिलेंडर की क्षमता जिला अस्पताल में 20 टन क्षमता का प्लांट लगाया जा रहा है, जिससे 2000 सिलेंडर भरे जा सकते हैं। प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन भरने के बाद इसे पाइपलाइन के माध्यम से वार्डों से जोड़ा जाएगा, जिससे मरीजों को बैड पर ही ऑक्सीजन की सुविधा मिलेगी। इसकी विशेषता यह है कि प्लांट में ऑक्सीजन लिक्विड फॉर्मेट होने के कारण इससे ऑक्सीजन का उत्पादन तुरंत हो सकेगा।
पहले यह आई थी समस्या कोरोना काल के दौरान वार्डों में एक बैड पर 3-3 मरीज होने के साथ सभी को ऑक्सीजन की जरूरत रहती थी। ऐसे में प्रशासन के लिए गंभीर समस्या हो गई थी। ऑक्सीजन के लिए 24 घंटे कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था। इसके बाद में ऑक्सीजन सिलेंडर वार्ड तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी सुबह शाम काम रहे थे। इसके बाद मरीज के परिजनों को समस्या झेलनी पड़ती थी। वर्तमान में प्लांट स्थापित होने के बाद इस गंभीर समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
मेडिकल लिक्विड का पहला प्लांट जिला अस्पताल में मेडिकल लिक्विड का यह पहला प्लांट है। इससे पहले अस्पताल में सिलेंडर का प्लांट है। इसके माध्यम से वार्डों में ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी। प्लांट लगने के बाद मरीज व उनके परिजनों को सहूलियत मिलेगी।
प्लांट कार्य चल रहा है अस्पताल परिसर में मेडिकल लिक्विड प्लांट का कार्य चल रहा है। इसकी क्षमता 2000 सिलेंडर की होगी। मरीजों को सहूलियत मिलेगी। –बीएल मंसूरिया, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज बाड़मेर।