राशनकार्ड प्राप्त करने के लिए सरकार ने पात्रता मानदंड निर्धारित किए हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है परिवार की वार्षिक आय। ग्रामीण क्षेत्रों में एक परिवार की सालाना आय दो लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह सीमा तीन लाख रुपये है।
अब तक, तीन हजार से अधिक लोगों के राशनकार्ड से नाम हटाए जा चुके हैं, क्योंकि उनकी आय सरकार द्वारा तय की गई सीमा से अधिक पाई गई है। जिन लोगों का नाम मुख्यालय से प्राप्त सूची में था, उनके राशनकार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। यदि किसी जरूरतमंद व्यक्ति का राशनकार्ड रद्द हुआ है, तो वह दोबारा आवेदन कर सकता है, और जांच के बाद मानकों के अनुरूप होने पर उसका कार्ड पुनः जारी किया जाएगा।
जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि “जिन परिवारों की आय निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है, उनके राशनकार्ड निरस्त कर दिए जाते हैं। कर्ज लेने वालों की सूची में शामिल लोगों ने अपनी आय बढ़ाकर दिखाने के लिए खुद को टैक्स पेयर घोषित किया था, जिसके आधार पर उनका नाम सॉफ्टवेयर से चिन्हित कर शासन को भेजा गया। इसी सूची के आधार पर उनके राशनकार्ड रद्द किए गए हैं।”