अभिभावकों का आरोप है कि शनिवार को प्रार्थना के बाद बच्चों को प्रार्थना के बाद हॉल में ही रोक लिया गया था, जहां पर श्रीलंका में हुए आत्मघाती हमले में मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस दौरान प्रोजेक्टर पर हमले का वीडियो भी दिखाया गया। रक्तरंजित वीडियो देख कर बच्चे सहम गए। इस दौरान बच्चों को ईसाई धर्म के अनुसार शांति पाठ कराया गया। आरोप है कि बच्चों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित भी किया गया।
इस प्रार्थना सभा के दौरान जब एक छात्र ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद शहीदों के लिए प्रार्थना सभा न आयोजित करने का प्रश्न किया तो टीचर ने उसकी पिटाई कर दी। अभिभावकों का कहना है कि आतंकी हमले का वीडियो देखने के बाद बच्चों के मन पर बुरा असर पड़ा है और वो प्रबंधन के सामने विरोध दर्ज कराएंगे।
वही इस मामले में अभिभावक संघ ने भी विरोध दर्ज कराया है। संस्था के अध्यक्ष अंकुर सक्सेना का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद स्कूल में कोई प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया गया था लेकिन अब श्रीलंका में हुए हमले में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। यह सीधे तौर पर धर्म विशेष को बढ़ावा देने की बात है। इस घटना का अभिभावक संघ विरोध करता है।