20 सितंबर की रात को हुई थी घटना 20 सितंबर की रात आंवला कस्बा चौकी के पास कुछ बदमाश चोरी करने की नीयत से घुसे थे। इस दौरान सर्राफा व्यापारी श्रीकांत पाटिल ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिस पर बदमाशों ने उन पर गोली चला दी। व्यापारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, और कुछ दिन बाद उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। व्यापारी की मौत के बाद आंवला में व्यापारियों ने विरोध स्वरूप बाजार बंद कर दिया। बाद में दुग्ध एवं पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह के हस्तक्षेप के बाद दुकानों को पुनः खोला गया।
चेकिंग के दौरान पकड़ा 29 सितंबर की रात, पुलिस बदायूं रोड पर आंवला कस्बे के पास चेकिंग कर रही थी, तभी उन्हें सूचना मिली कि व्यापारी पर गोली चलाने वाले बदमाश वहां से गुजर रहे हैं। पुलिस ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी और बाइक से जा रहे बदमाशों को रोकने की कोशिश की। बदमाशों ने पुलिस पर गोलीबारी की, जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई। इस मुठभेड़ में बदमाश बजरूल अली और लईक के पैर में गोली लगी, जिसके बाद दोनों गिर गए। इस दौरान उप निरीक्षक रहमत अली भी घायल हो गए। तीनों घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने स्वीकारा पुलिस द्वारा पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे और उनका एक अन्य साथी, हनसबी उर्फ अरबाज, एक घर का ताला तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। जब व्यापारी श्रीकांत पाटिल ने उन्हें टोक दिया, तो पकड़े जाने के डर से बजरूल अली ने जान से मारने की नीयत से व्यापारी पर गोली चला दी।