क्या है मामला उत्तराखंड के खटीमा के रहने वाली महिला परेशान होकर तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने वाली फरहत नकवी के पास पहुंची थी। महिला का कहना है कि उसका निकाह खटीमा के ही एक युवक से 2010 में हुआ था। 2013 में मियां बीवी के बीच हुए झगड़े के कारण नौबत तलाक तक पहुंच गई और शौहर ने अपनी बीवी को तलाक दे कर उससे रिश्ता समाप्त कर दिया। कुछ समय बाद दोनों ने फिर साथ रहने की सोची तो हलाला की रस्म बीच में आ गई। रिश्तेदारों ने बरेली के रहने वाले एक बुजुर्ग को हलाला के लिए तैयार किया और 25 नवंबर 2016 को युवती का निकाह बुजुर्ग से करा दिया। निकाह के बाद बुजुर्ग का मन डोल गया और अब वो युवती को तलाक नहीं दे रहा है।
बुजुर्ग बोला नहीं दूंगा तलाक अपने ऊपर आरोप लगने के बाद बुजुर्ग भी मीडिया के सामने आया और उसने कहा कि उसका निकाह महिला से कराया गया था और ये निकाह हलाला कराने के लिए नहीं हुआ था। निकाह में बरात गई थी और 200 लोग शामिल हुए थे। निकाह में ससुराल वालों दहेज भी दिया था उसने बताया कि निकाह के बाद महिला करीब दो माह तक अपने बेटे के साथ उसके पास रही इतना ही उसने बेटे का स्कूल में दाखिला भी कराया था लेकिन दो माह बाद ही महिला चली गई और अब वो हलाला का इल्जाम लगा रही है। बुजुर्ग ने कहा कि वो अपनी बीवी को तलाक देकर गुनाह नहीं करेगा।