बता दें कि इस मामले में एक गुमनाम चिट्ठी एसएसपी दफ्तर पहुंची थी, जिसमें किला के मूलकपुर निवासी मौलाना को हत्यारों का मददगार बताया गया है। चिट्ठी में उस मौलाना पर आरोपियों का इलाज बरेली में करवाने, उन्हें बरेली से बाहर भेजने से लेकर रातोंरात उसके अमीर होने की बात कही गई है। पत्र मिलने के बाद से ही एसटीएफ व तमाम खुफिया एजेंसियां जांच में जुट गई थीं।
वहीं रविवार रात कमलेश तिवारी की हत्या के दोनों मुख्य आरोपियों को रात करीब 12 बजे दोनों शाहजहांपुर शहर में स्टेशन रोड पर घूमते देखा गया। रेलवे स्टेशन के पास होटल पैराडाइस के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में दोनों कैद हो गए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों हत्यारे लखीमपुर जिले के पलिया से इनोवा गाड़ी बुक कराकर शाहजहांपुर पहुंचे थे। वहां से वे नेपाल भागने की फिराक में थे। फिलहाल एसटीएफ की टीम दोनों की गिरफ्तारी के लिए होटलों, मदरसों और मुसाफिरखानों में छापेमारी कर रही है।
मालूम हो कि बीते शुक्रवार को कमलेश तिवारी की दो बदमाशों ने लखनऊ स्थित उनके कार्यालय में बेरहमी से हत्या कर दी थी। दोनों बदमाश भगवा कपड़े पहने हुए थे और मिठाई के डिब्बे में पिस्टल व चाकू छिपाकर लाए थे।