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दो हमलावरों ने की थी हत्याबता दें कि बीते शुक्रवार को हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की लखनऊ के ख़ुर्शीदबाग कॉलोनी स्थित उनके दफ्तर में दो हमलावरों ने हत्या कर दी थी। पहले कमलेश तिवारी को गोली मारी गई, इसके बाद उन पर चाकू से कई वार किए गए थे। हमलावर मिठाई के डिब्बे में पिस्टल और चाक़ू छिपाकर लाए थे। उनकी हत्या के लिए दो लोग शेख अश्फाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद लखनऊ पहुंचे थे। वे लखनऊ के कैसरबाग स्थित खालसा इन होटल में रुके थे। इस होटल की दूरी कमलेश तिवारी के दफ्तर से करीब डेढ़ किलोमीटर है।
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हाथ में लगी थी चोट का हत्यारे ने बरेली में कराया इलाजपुलिस को जानकारी मिली थी कि हत्या के दौरान पठान मोइनुद्दीन अहमद का दायां हाथ जख्मी हो गया था और उसने अपना इलाज बरेली के अस्पताल में कराया था। इससे माना जा रहा है कि पठान मोइनुद्दीन ने ही कमलेश तिवारी पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए थे। होटल के सीसीटीवी फुटेज में भी पुलिस को मोइनुद्दीन अपना दायां हाथ कुर्ते की जेब में छिपाता दिख रहा है। इससे पुलिस का ये शक यकीन में बदल गया है।
हालांकि इस हत्याकांड को लेकर डीजीपी ओपी सिंह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि कमलेश तिवारी हत्याकांड की साजिश गुजरात के सूरत में रची गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों के नाम, मौलाना मोहसिन शेख सलीम, फैजान, रशीद अहमद खुर्शीद अहमद पठान है। तीनों से पूछताछ जारी है। डीजीपी ओपी सिंह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रशीद पठान को वारदात का मास्टरमाइंड बताया है। वहीं कमलेश तिवारी के परिजनों द्वारा कराई गई एफआईआर में नामजद मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस इस कांड में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।