क्या था मामला
बिशारतगंज के गोकुलपुरा गाँव के रहने वाले किसान योगेंद्र सिंह अपनी पांच दिन की बेटी उर्वशी को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए थे। जहाँ पर ओपीडी में बैठे डॉक्टर ने बच्ची को जिला महिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जब बच्ची के परिजन उसे लेकर महिला अस्पताल गए तो महिला अस्पताल में बेड उपलब्ध न होने का हवाला देकर बच्ची को फिर से पुरुष अस्पताल के लिए भेज दिया। इस दौरान बच्ची के पिता और नानी बच्ची को लेकर तीन घंटे तक दोनों अस्पतालों के चक्कर काटते रहे लेकिन बच्ची का इलाज शुरू नहीं हो पाया और बच्ची ने अपनी नानी की गोद में तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया था।
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दोनों सीएमएस आपस में उलझे इलाज के आभाव में बच्ची की मौत के बाद भी दोनों सीएमएस को पीड़ित परिवार पर दया नहीं आई और दोनों सीएमएस पीड़ित परिवार के सामने ही एक दूसरे से भिड़ गए और एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगाते रहे। वही इस मामले में डीएम ने भी जांच कराई जिसमे बच्ची को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भेजने वाले डॉक्टर भी दोसी पाए गए हैं अब इन डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।