बरेली पुलिस और एसओजी दबिश देती रही, दोनों भाई पहुंचे बदायूं पुलिस की गोद में
जनसेवा केंद्र संचालक नन्हें बाबू की हत्या का कारण जमीन विवाद बताया जा रहा था। उनकी पत्नी अंकिता ने बिथरी चैनपुर थाने में भूरे और राजवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बरेली पुलिस और एसओजी दोनों आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही थी। उनके कई रिश्तेदारों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई। लेकिन इसी बीच, भूरे और राजवीर ने बदायूं के थाना सिविल लाइंस में कथित रूप से सेटिंग कर खुद को गिरफ्तार दिखा दिया। मंगलवार को बदायूं पुलिस ने आरोपियों को राशिद के ट्यूबवेल के पास इकलहरी जाने वाले रास्ते पर गिरफ्तार दिखाया, लेकिन इस गिरफ्तारी की सूचना बरेली पुलिस को नहीं दी गई। जबकि अपराधियों की गिरफ्तारी पर संबंधित जिले की पुलिस को सूचना दी जाती है।
बदायूं पुलिस का मुखबिर है वकील का मुंशी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, भूरे और राजवीर का एक रिश्तेदार बदायूं में वकील का मुंशी है, जिसकी बदायूं पुलिस से नजदीकी है। इसी मुंशी ने थाना सिविल लाइंस के प्रभारी मनोज सिंह और दरोगा वीर सिंह के माध्यम से सेटिंग कर दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी कराई। मामला संज्ञान में आने के बाद एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने बदायूं एसपी डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह से संपर्क कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी आईजी डॉ. राकेश सिंह को दी। आईजी ने घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
एसएसपी बोले रिमांड पर लेकर होगी पूछताछ
बरेली पुलिस अब भूरे और राजवीर को कोर्ट से रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि रिमांड के दौरान उनसे हत्या से जुड़े तथ्यों की जानकारी लेकर साक्ष्य जुटाए जाएंगे। इस घटनाक्रम ने न केवल बदायूं पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पुलिस प्रशासन में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के वरिष्ठ अफसरों के आदेशों को भी अनदेखा किया है।