scriptबरेली के डॉक्टर को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने किया सम्मानित, पुस्तक का किया विमोचन, जाने उपलब्धि | [10:37 am, 15/ AVNEESH SIR OFFICE: Bareilly doctor honored by Home Minister Amit Shah in Delhi, book released, know about his achievements | Patrika News
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बरेली के डॉक्टर को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने किया सम्मानित, पुस्तक का किया विमोचन, जाने उपलब्धि

बरेली के वरिष्ठ फीजिशियन डॉ. शरद अग्रवाल की पुस्तक ‘हिंदी कहावत कोष’ का विमोचन दिल्ली में चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस पुस्तक में डॉ. शरद ने 10 हजार कहावतों, मुहावरों, लोक कथाओं, लोकगीतों, किंवदंतियों और पहेलियों को संकलित किया है।

बरेलीSep 15, 2024 / 02:12 pm

Avanish Pandey

डा. शरद अग्रवाल

बरेली। बरेली के वरिष्ठ फीजिशियन डॉ. शरद अग्रवाल की पुस्तक ‘हिंदी कहावत कोष’ का विमोचन दिल्ली में चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस पुस्तक में डॉ. शरद ने 10 हजार कहावतों, मुहावरों, लोक कथाओं, लोकगीतों, किंवदंतियों और पहेलियों को संकलित किया है। डॉ शरद अग्रवाल कहावतों के संकलन से हिंदी और संस्कृत को समृद्ध कर रहे हैं। अंते धर्मो जय, पापो क्षय अंत में धर्म की जय होती है और पाप का क्षय (नाश) होता है.
अन्तो नास्ति पिपासायाः तृष्णा का अन्त नहीं है।
बचपन में मां से सुनी कहावतें और संकलन की शुरू हुई दिलचस्पी

डॉ. शरद अग्रवाल का हिंदी साहित्य से बचपन से नाता रहा है। उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान स्कूल की पत्रिकाओं के प्रकाशन के लिए छात्र संपादक के रूप में कार्य किया। इसके बाद उन्होंने कानपुर से एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई पूरी की। डॉ. शरद ने मां कृष्ण अग्रवाल की बताई सैकड़ों कहावतों को बच्चों और युवा पीढ़ी से पूछा तो उनमें से अधिकांश अनभिज्ञ थे। इसे देखकर उन्होंने इन विलुप्त होती कहावतों को संरक्षित और संकलित करने का सफल प्रयास किया।
पहली पुस्तक का राज्यपाल कर चुकी है विमोचन

उनकी पहली पुस्तक ‘हिंदी कहावत कोष’ में 5,400 कहावतों को समाहित किया गया है, जिसका विमोचन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में किया था। इसके अलावा, उन्होंने वेबसाइट (hindikahawat.com) पर भी कहावतों, मुहावरों, कहानियों और ट्रक पर लिखे स्लोगन को अपलोड किया है। डॉ. शरद कहते हैं कि हिंदी कहावतों और मुहावरों से समृद्ध होती है। ऐसे में इन कहावतों को संकलित कर दिया, जिससे युवा पीढ़ी इनसे अछूती ना रहे।
पहेलियों पर भी किताब लिख रहे हैं डॉक्टर शरद
शहर के जनकपुरी क्षेत्र में रहने वाले डा. शरद अग्रवाल का हिंदी साहित्य से बचपन से नाता रहा। राजकीय इंटर कालेज में पढ़ाई के दौरान स्कूल की पत्रिकाओं के प्रकाशन के लिए उनको छात्र संपादक बनाया जाता। इसके बाद वर्ष 1982 में कानपुर से एमबीबीएस और वर्ष 1986 में एमडी की पढ़ाई पूरी की। कानपुर में कलरव संस्था से जुड़े रहे।
हिंदी भाषा, ग्रामीण सभ्यता, लोक परंपरा से गहरा लगाव है। वह बीमारियों को हिंदी में बताते हुए उपचार पर पुस्तक लिख चुके हैं। एक अन्य पुस्तक कहावतों पर लिखी है। अब पहेलियों पर पुस्तक लिख रहे हैं। कहते हैं कि नई पीढ़ी को नहीं पता कि ‘खड़ी करो तो गिर पड़े, दौड़ी मीलों जाए। नाम बता दो इसका, हम तुम्हें दिएं बैठाए’ इसका तात्पर्य क्या है। बचपन में बड़े पहेलियां पूछते थे तो बच्चे उनका जवाब देते थे। इससे मानसिक विकास होता था। पुस्तक में बच्चे इन पहेलियां को पढ़ेंगे तो ज्ञान बढ़ेगा। एक-दूसरे से पूछेंगे तो जवाब मिलेगा और ज्ञान अर्जन होगा।
सहजता से समझाने के लिए बीमारियों के हिंदी में लिखे 108 लेख

डा. शरद की वेबसाइट (health.hindi.in)
हेल्थ हिंदी डाट इन पर सांस व फेफड़े, जोड़ एवं हड्डियां, संक्रामक रोग, त्वचा, आपातकालीन, मानसिक स्वास्थ्य, अंधविश्वास, स्वस्थ हृदय, मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र, पेट, लिवर व पाचन, मूत्र एवं गुर्दा रोग, एलर्जी, डायबिटीज, बुखार, थायराइड, महिला स्वास्थ्य, मेटाबोलिज्म, दर्द, रक्त, नशे, स्वस्थ भोजन व फिटनेस, मिश्रित आदि रोगों के संबंध में हिंदी में करीब 108 लेख हैं।

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