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बारां

चार साल के विलंब से मिलेगा किसानों को लाभ, 1817 गांवों में मिलने लगेगा पेयजल

2025 में भरेगा परवन वृहद् सिंचाई परियोजना का बांध
 

बारांDec 13, 2023 / 11:46 am

mukesh gour

चार साल के विलंब से मिलेगा किसानों को लाभ, 1817 गांवों में मिलने लगेगा पेयजल

चार साल के विलंब से मिलेगा किसानों को लाभ, 1817 गांवों में मिलने लगेगा पेयजल

आमजन को सरसब्ज करने के लिए सरकारी दावों की हकीकत कितनी जुदा होती है, इसकी बानगी बारां समेत तीन जिलों की परवन वृह्द सिंचाई परियोजना के निर्माण की कछुआ चाल को देख आसानी से लगाई जा सकती है। परियोजना के शिलान्यास के दौरान सरकारों ने इस बांध से वर्ष 2022 में किसानों को ङ्क्षसचाई के लिए पानी देने का भरोसा दिया था, लेकिन अब 2025 में तो इसके बांध का निर्माण होने के बाद इसे भरा जा सकेगा। वो भी तब जब सरकार इस परियोजना के लिए मांग के अनुरूप बजट उपलब्ध कराती है। वर्तमान में पार्वती नदी के अकावद बांध का पानी कम होने से अब मुख्य बांध के निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। परवन परियोजना के बांध के निर्माण की गति बनी रही तो भी यह 2025 के मानसून में भर सकेगा तथा इसके बाद नहरों का काम पूरा होता है तो उनमें जलप्रवाह किया जा सकेगा। विभागीय सत्रों के अनुसार वर्तमान में बांध का 39 प्रतिशत ही कार्य पूरा हुआ है। जबकि इसकी टनल का कार्य 95 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। नहरों का काम भी गति नहीं पकड़ पा रहा। इसके अब आगामी मार्च माह में शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
129 किमी लम्बाई में होगी बांध की नहरें

परवन वृह्द सिंचाई परियोजना की दायीं मुख्य नहर 89 किमी व बायीं मुख्य नहर 40 किमी लम्बाई में होगी। परियोजना के लाभान्वित क्षेत्र में ड्रिप ङ्क्षसचाई परियोजना से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। यदि बजट का अंडग़ा नहीं आता तो, इसमें अभी तीन साल का समय और लग सकता है।
परियोजना के कार्य में स्टाफ का टोटा

सूत्रों के अनुसार परियोजना के झालावाड़ में स्थित कार्यालय में इन दिनों 25 प्रतिशत अभियंताओं व मंत्रालयिक कर्मचारियों की कमी है। इससे भी परियोजना का काम गति नहीं पकड़ रहा।
अब परियोजना के काम को गति दी जा रही है, जैसे-जैसे बजट मिल रहा है, कार्य करा रहे हैं। बांध का काम 2022 में पूरा होना था, लेकिन अब यह 2025 में पूरा हो सकेगा। मुख्य समस्या नहरों के लिए खेतों के खाली होने की है। बजट लगातार मिलता रहा तो वर्ष 2026 में परियोजना के सभी कार्य पूरे हो जाएंगे।

अजीत कुमार जैन, कार्यवाहक एसई, परवन वृह्द सिंचाई परियोजना, झालावाड़

परियोजना पर एक नजर


7355 करोड़ रुपए योजना की कुल लागत
5060 करोड़ अब तक कुल खर्च
3200 करोड़ मुआवजे के रूप वितरित राशि
1800 करोड़ बांध व नहरी तंत्र के लिए खर्च
637 गांव सिंचाई से लाभान्वित
1817 गांवों को परियोजना से पेयजल मिलेगा
201000 हैक्टेयर कुल ङ्क्षसचित क्षेत्रफल
110000 हैक्टेयर क्षेत्रफल जिले में सिंचाई
490 मिलियन घन मीटर भराव क्षमता

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