पुलिस सूत्रों के अनुसार 21 दिसंबर को मुकेश पुत्र किशनलाल मीणा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके काका रामदयाल (50) पुत्र भूरालाल जाति मीणा सुबह छह बजे चाय पीकर खेत पर लेकर चले गए थे। शाम साढ़े छह बजे करीब भैंसें तो घर आ गई, काकाजी नहीं आए। खोजने पर उनका लहूलुहान शव खेत में मिला। उनका मुंह धोती से ढंका था, गले व कानों से खून आ रहा था। कानों की सोने की बालियां टूटी थी। अज्ञात व्यक्ति द्वारा कानों की सोने की बालियां छीनकर ले जाने व मारपीट करने का संदेह होने पर थाने में मामला दर्ज करवाया था।
एसपी राजकुमार चौधरी ने छबड़ा में पत्रकार वार्ता कर हत्या का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि टीम के सदस्य डीएसपी तरूणकांत सोमानी, हरनावदा शाहजी थानाधिकारी झन्डेलङ्क्षसह, छबड़ा सीआई छुट्टनलाल मीणा, कवाई थानाधिकारी रामस्वरुप मीणा, सारथल थानाधिकारी गंभीरङ्क्षसह, पाली थानाधिकारी प्रहलाद, बापचा थानाधिकारी राधाकिशन सहित अन्य टीम सदस्यों ने यह खुलासा किया। पुलिस ने हरनावदा शाहजी क्षेत्र के स्मैक पीने के अड्डों पर दबिश देकर पूछताछ की। इस पर जंगल से भटगांव निवासी रामबिलास (38) पुत्र भंवरलाल मीणा को डिटेन किया। पूछताछ में रामबिलास ने राजू उर्फ राजेश के साथ मिलकर रामदयाल की हत्या करना स्वीकार किया। उसने बताया कि 21 दिसंबर को हम स्मैक पी रहे थे। दोनों ने प्लान बनाया कि आज रामदयाल की मुर्कियां छीनेंगे।
रामबिलास के पास कुल्हाड़ी थी व राजू उर्फ राजेश के पास चाकू था, हम रामदयाल के खेत पर चले गए, जहां रामदयाल बैठा था। इस पर रामबिलास ने उसके सिर पर कुल्हाड़ी की मारी और उसके कान से मुर्किंया तोड़ ली। रामदयाल द्वारा पहचानने के डर से राजू उर्फ राजेश ने चाकू से उसका गला रेत दिया और उसकी हत्या कर दी। साफी को उसके गले में लपेट दिया और दोनों ने एक-एक मुर्की ले ली। इसके बाद वे घर चले गए। पुलिस ने आरोपी रामबिलास को गिरफ्तार कर लिया है तथा आरोपी राजू उर्फ राजेश की तलाश जारी है।