शहर के प्रताप चौक सत्संग भवन रोड निवासी लेखराज शर्मा ने बताया कि उसकी गर्भवती पत्नी कोनिका को शुक्रवार रात प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भर्ती कराया था। शनिवार सुबह चिकित्सकों ने वार्ड में राउंड के दौरान उसे देखा तथा जांचें लिख दी। वह सुबह करीब दस बजे सेम्पल लेकर जांच न्द्र केगया था। कुछ देर बाद ही उसकी मां ने फोन कर बताया कि कोनिका को चिकित्सकों ने एक इंजेक्शन लगाया था, उसके बाद से उसकी तबीयत बिगड़ रही है।
इस पर वापिस वार्ड में आया तो चिकित्सक व नर्सिंगकर्मियों ने कोनिका को घेर रखा था। वे उसे सीपीआर दे रहे थे। चिकित्सकों ने उसे बताया कि गर्भस्थ शिशु की धड़कन नहीं आ रही है। लेखराज के अनुसार इसके बाद उससे खाली कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए और कोनिका को कोटा रेफर कर दिया। उसका कहना है कि पत्नी की मृत्यु बारां जिला अस्पताल में ही गलत इंजेक्शन लगाने और चिकित्सकों की उपचार में लापरवाही के कारण हो गई थी। कोटा पहुंचने पर जांच के बाद चिकित्सकों ने कोनिका को मृत घोषित कर दिया।
हंगामा किया
बारां जिला अस्पताल में गर्भवती की तबियत बिगडऩे पर उसके परिजनों ने हंगामा कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक ओमेन्द्र सिंह शेखावत, कोतवाली प्रभारी योगेश चौहान, उपखण्ड अधिकारी अभिमन्यु सिंह, पीएमओ डॉ.नरेन्द्र मेघवाल मौके पर पहुंच गए। इस दौरान अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित रही। कोतवाली प्रभारी योगेश चौहान ने बताया कि परिजनों ने गलत इंजेक्शन लगाने से मृत्यु होने का आरोप लगाया है। रैफर करने के बाद बारां से कोटा पहुंची पुलिस के समक्ष भी यही बात कही गई। परिजनों की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। अचानक बीपी कम होने से गर्भवती की तबीयत बिगड़ गई थी। उस समय गायनी विभागाध्यक्ष डा. मधु मीणा राउण्ड पर थी। उन्होंने मरीज को देखा। कुछ देर में अन्य चिकित्सक भी पहुंच गए थे। बीपी कम होने के बाद मरीज वेंट्रिकुलर टेकीकार्डिया में चला गया तो उसे वेंटिलेटर पर लिया। सभी चिकित्सकों ने काफी प्रयास किए। उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे कोटा रैफर कर दिया था, लेकिन परिजन काफी देर बाद उसे ले जाने को तैयार हुए। यहां से कोनिका को वेंटिलेटर पर भेजा गया, तब उसकी पल्स चल रही थी।
डॉ.नरेन्द्र कुमार मेघवाल, पीएमओ जिला अस्पताल