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सरकारी स्कूल में लगा रखे थे स्टेपनी शिक्षक, फर्जी प्रधानाध्यापक गिरफ्तार

फर्जी उपस्थिति दिखा वेतन लेकर सरकार को चपत लगाने का आरोप, बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का बड़ा मामला, जिले के कद्दावर कांग्रेस नेता के नजदीकी हैं आरोपी दम्पती
 

बारांDec 22, 2023 / 11:17 am

mukesh gour

सरकारी स्कूल में लगा रखे थे स्टेपनी शिक्षक, फर्जी प्रधानाध्यापक गिरफ्तार

सरकारी स्कूल में लगा रखे थे स्टेपनी शिक्षक, फर्जी प्रधानाध्यापक गिरफ्तार

पुलिस ने सरकारी स्कूल में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ का मामला उजागर किया है। एक शिकायत पर गुरुवार को बारां शहर के निकटवर्ती राजपुरा गांव स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में छापामार कर मौके से तीन स्टेपनी, फर्जी शिक्षकों को शिक्षण कार्य करते हुए पकड़ा है। मूलरूप से पदस्थापित शिक्षक दम्पती विष्णु गर्ग व मंजू गर्ग अरसे से स्कूल नहीं गए और फर्जी हस्ताक्षर व उपस्थिति दिखाकर सरकारी तनख्वाह उठाते रहे हैं। खुद के स्थान पर स्टेपनी पर प्राइवेट लोगों को निजी तौर पर लगाया हुआ है।
पुलिस को मिली शिकायत पर पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी (पीईओ) आदि की मौजूदगी में कार्रवाई करते हुए स्कूल से उपस्थिति रजिस्टर जब्त किया गया है। जांच के बाद शिक्षक दम्पती व तीन स्टेपनी समेत पांच जनों के खिलाफ षडंत्रपूर्वक धोधाखड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। प्रारम्भिक जांच के बाद विष्णु भारद्वाज को फर्जी प्रधानाध्यापक बनकर अन्यों को शिक्षण कार्य पर लगाकर धोखाधड़ी व बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। दोनों महिलाओं से पुलिस की ओर से पूछताछ की जा रही है।
खुद लेते सवा लाख, डमी को देते 15 हजार

सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में दोनों मुख्य आरोपी सरकार से करीब सवा लाख रुपए का मासिक वेतन ले रहे थे। प्रधानाध्यापक का काम करने वाले आरोपी विष्णु भारद्वाज को सात हजार और दोनों डमी महिला शिक्षिकाओं को चार-चार हजार रुपए देते थे। पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी दम्पती की तलाश की जा रही है।
20 वर्षों से एक ही स्कूल में सेवा

सूत्रों के मुताबिक आरोपी दम्पती करीब 20 वषों से राजपुरा गांव के इसी एक स्कूल में कार्यरत हैं। स्कूल में करीब 66 बच्चों का नामांकन है। प्रधानाध्यापक विष्णु गर्ग ने स्कूल के कामकाज के लिए फर्जी प्रधानाध्यापक लगा रखा था।
जिलेभर में घटना की रही खासी चर्चा

शिक्षक दम्पती जिले के कद्दावर कांग्रेस नेता के नजदीकी हैं। इससे सरकार बदलने के बाद आचानक हुई इस छापामार कार्रवाई से राजनीतिक हल्कों में खासी चर्चा है। हालांकि शिक्षक दम्पती विष्णु गर्ग व मंजू गर्ग वर्तमान में मेडिकल लीव पर बताए गए हैं। पुलिस की ओर से स्टेपनी शिक्षक विष्णु भारद्वाज निवासी शिवाजी नगर बारां राजपुरा निवासी खुशबू मीणा व सुगना मीणा तथा शिक्षक विष्णु गर्ग एवं उसकी पत्नी मंजू गर्ग समेत पांचों के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी विष्णु गर्ग स्कूल प्रधानाध्यापक तथा उसकी पत्नी मंजू गर्ग पर पोषाहार प्रभारी की जिम्मेदारी है।
सेवानिवृत्ति लेने की थी तैयारी

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि विष्णु गर्ग व उसकी पत्नी ने फर्जी उपस्थिति दिखा धोखाधड़ी कर सरकार को करोडो़ं रुपए का चूना लगाया। यह फर्जीवाडे को छुपाने के लिए छुट्टियां लेकर स्वैच्छिक सेवानिवृति ली जा रही है।
पैसा देकर लगाने की बात कबूली

सदर थाना प्रभारी रामबिलास मीणा ने बताया कि इस मामले में न्यू सिविल लाइन कोटा रोड निवासी तेजस सुमन की ओर से दी गई रिपोर्ट पर उपाधीक्षक पूजा नागर के नेतृत्व में राजपुरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में पीईओ कौशलेश सोनी की मौजूदगी में जांच की गई। इस दौरान स्कूल में शिक्षण कार्य करते मिले मौसमी मीणा सरकारी अध्यापिका होना पाया गया। इसके अलावा विष्णु भारद्वाज निवासी शिवाजी नगर खुशबू मीणा निवासी राजपुरा व सुगना मीणा निवासी राजपुरा मिले। इन तीनों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि शिक्षक विष्णु गर्ग व मंजू गर्ग ने उन्हें पढ़ाने के लिए स्कूल में लगा रखा है। वह हमें पढ़ाने के पैसे देते हैं।
मिलते-जुलते नाम के लोग लगा रखे थे

मौके पर मिले सीबीईओ गणपत लाल वर्मा ने बताया कि स्कूल में तीन शिक्षकों विष्णु गर्ग प्रधानाध्यापक, उसकी पत्नी मंजू गर्ग व एक अन्य मौसमी मीणा की नियुक्ति है। विष्णु गर्ग के स्थान पर अरसे से विष्णु भारद्वाज व मंजू गर्ग के स्थान पर सुगना मीणा व खुशबू मीणा की ओर से पैसे लेकर शिक्षण कार्य करने की उन्हें जानकारी नहीं थी। पूरे मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी जाएगी।
फिलहाल में जयपुर हाई कोर्ट हूं। सूचना पर सीबीईओ गणपत लाल को भेजा गया था। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पीयूष शर्मा, डीईओ (प्रा) अतिरिक्त प्रभार

इस मामले में पुलिस को परिवाद मिला था। परिवाद की जांच के बाद गुरुवार को मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की गई। बाद में मुकदमा दर्ज किया गया है।
घनश्याम शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

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