scriptआस्था के साथ सैर-सपाटे का केंद्र बना डूंगरी माताजी मंदिर | Dungri Mataji Temple became a center of tourism along with faith | Patrika News
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आस्था के साथ सैर-सपाटे का केंद्र बना डूंगरी माताजी मंदिर

दर्शनों के लिए वर्षपर्यंत लोग पहुंचते हैं। नवरात्रा एवं गर्मियों के दिनों में विशेष चहल पहल रहती है।

बारांOct 08, 2024 / 11:41 am

mukesh gour

दर्शनों के लिए वर्षपर्यंत लोग पहुंचते हैं। नवरात्रा एवं गर्मियों के दिनों में विशेष चहल पहल रहती है।

दर्शनों के लिए वर्षपर्यंत लोग पहुंचते हैं। नवरात्रा एवं गर्मियों के दिनों में विशेष चहल पहल रहती है।

21 साल में बदल गई तस्वीर, डूंगरी की बन गई अलग पहचान

navratri special : हरनावदाशाहजी. पूरब से दक्षिण दिशा तक पहाडियों से घिरे हरनावदाशाहजी कस्बे में करीब दो दशक पहले छीपाबड़ौद मार्ग स्थित डूंगरी पर बने माताजी मंदिर की एक अनूठी पहचान बन गई है। यहां विराजित अष्टभुजा दुर्गा माता मंदिर न केवल जन जन की आस्था का केंद्र बना है बल्कि पिकनिक सैर सपाटा एवं योग व्यायाम के साथ विभिन्न आयोजनों का एक विशेष केंद्र बन गया है। यहां पर धीरे धीरे विकसित होते गार्डन एवं परिसर में ग्राम पंचायत द्वारा हुई इंटरलॉङ्क्षकग के बाद से स्वरुप और भी निखर आया है।
बन गया एक और मंदिर
दर्शनों के लिए वर्षपर्यंत लोग पहुंचते हैं। नवरात्रा एवं गर्मियों के दिनों में विशेष चहल पहल रहती है। शुरू में यहां माताजी का ही मंदिर था बाद में समिति ने शिवालय व देव डूंगरी और बनवाई है जिससे श्रृद्धालुओं की आवाजाही बढी है।
वाहनों की पंहुच सुगम

डूंगरी पर चढाई के लिए शुरुआत में सीढिय़ां बनाई गई। इससे होकर पैदल चढ़ाई करके दर्शन करने जाना पड़ता है। बाद में डूंगरी के पीछे वाले हिस्से में वाहनों की आवाजाही के लिए सीसी रोड वाला रास्ता बनने से अब छोटे बड़े वाहनों की पहुंच ऊपर तक हो गई। इससे सामानों की ढुलाई आसान हो गई।
नियमित हो रहा योग
पहाडिय़ों से घिरे प्राकृतिक वातावरण में माताजी डूंगरी परिसर में पिछले कई वर्षों से नियमित योग कक्षा का आयोजन चल रहा है। इसमें बडी संख्या में महिला पुरुष योग साधक स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं।
बच्चों का है जुड़ाव

ग्रामीण क्षेत्र से पढाई के लिए यहां आकर रहने वाले स्कूूली बच्चों को यह स्थान काफी रास आ रहा। अवकाश का दिन या फिर सुबह शाम का टहलना। बच्चे डूंगरी की चढ़ाई करके माताजी के दर्शनों के पंहुचकर मन की कामना लिखकर व्यक्त करते हैं। कोई पास कराने की तो कोई अच्छे नम्बर दिलाने की कामना यहां आकर लिखते हैं। क्योंकि मंदिर की परिक्रमा में दीवार पर पेन से लिखे मनोकामना संदेश इस बात की पुष्टि करते नजर आते हैं।
नवरात्र पर आयोजन

मंदिर समिति द्वारा नवरात्र के अवसर पर रामायण पाठ के साथ विभिन्न आयोजन होते हैं। इस दौरान माताजी का विशेष श्रृंगार किया जाता है । शारदीय नवरात्र के दौरान इन दिनों में दर्शनार्थी बडी संख्या में रोजाना दर्शन करने आ रहे हैं।

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