कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने टीम गठित की है, ताकि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा मिल सके। कलेक्टर तोमर के निर्देश पर 25 पटवारी सर्वे कर आज ही रिपोर्ट पेश करेंगे। निचली बस्ती के लोगों को स्कूल व अन्य जगहों पर ठहराया गया है। पेयजल के टैंकर मंगवाए गए हैं। करीब एक हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है।
देवरी में एडीएम, एसडीएम समेत 25 पटवारी तथा 25 ग्राम सचिव, जेवीवीएनएल व अन्य अधिकारी तैनात हैं। जो बाद की व्यवस्थाओं को पुख्ता करेंगे। पानी उतरने लगा है। घरों का सर्वे करवाया जाएगा। जिन घरों के हालात जीर्णशीर्ण होंगे। लोगों को उनमें रहने से रोका जाएगा।
इन बस्तियों में बिगड़े हालात
कस्बे की सहराना बस्ती, मुस्लिम मोहल्ला, कुम्हार बस्ती तथा परिहार बस्ती के दर्जनों घरों में पानी घुस गया। यहां करीब दो से तीन फीट तक पानी का भराव था। हालांकि प्रशासन ने इस क्षेत्र के करीब सौ घरों को पहले ही खाली करवा लिया था। तालाब टूटने की जानकारी मिलते ही पटाखे चलाकर तथा मुनादी कर लोगों को चेताया गया।
तालाब का पानी कस्बे की निचली बस्तियों में घुसा तो पानी के साथ आए कचरे व मलबे के दबाव से बिजली के कई खंभे धराशायी हो गए हैं। बारां से एसडीआरएफ तथा सिविल डिफेंस की रेस्क्यू टीमें भी पहुंची और प्रभावित क्षेत्र के एक हजार से ज्यादा ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
क्यों हुआ ऐसा?
तालाब की पाळ में दो दिन पहले छेद हो गया था। इससे लगातार पानी का रिसाव हो रहा था। हालांकि प्रशासन और पंचायत इस रिसाव को रोकने की कोशिशों में जुटे थे। यहां 700 कट्टे पाळ पर लगाने के बाद भी रिसाव होता रहा। रविवार सुबह रिसाव बढ़ गया और करीब 40 फीट की दीवार दरक गई। इससे तालाब में भरा पानी तेजी से बाहर निकला। पानी के बहाव से कई घर गिर गए हैं। लोगों के सामान भीग गए। घरों में पानी भर गया। कई मवेशी भी इसमें बह गए जिनका अब तक कोई पता नहीं चला है।