किसानों की खुशियां चिंता में हुईं तब्दील ( Baran News ) प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र में रबी की फसलें इस बार अच्छी स्थिति में नजर आ रही थीं जिससे किसानों के चेहरों पर भी आशा मिश्रित खुशी छाई हुई थी। लेकिन फसल तैयार होने से पहले एनवक्त पर बदलते मौसम के मिजाज ने चेहरों पर मायूसी पैदा कर दी है। शनिवार को क्षेत्र में सुबह से ही आसमान में बादल छाए नजर आए। सूरज नही निकला जबकि दोपहर को एक दो बार मामूली बूंदाबांदी भी हुई।
इधर, मौसम का मिजाज बिगड़ने के साथ ही किसान सकते में नजर आए और फसलों को बचाने की जुगत में जुटते नजर आए। आडी पड़ी अफीम की फसल क्षेत्र में इस बार पांच पांच आरी के रकबे में अफीम की बुवाई हुई है। डोडे आने के बाद कुछ काश्तकारों ने चीरा लगाने का काम भी शुरु कर दिया है। जबकि, अधिकतर काश्तकार भी डोडों में चीरा लगाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन दो तीन दिन से चल रही तेज हवाओं के कारण खेतों में खडी फसल आड़ी पड गई। किसान हेमराज लोधा ने बताया कि फसल में डोडे आने के बाद पौधों का वजन बढ़ गया है। काश्तकार डोडों में चीरा लगाने की तैयारी कर रहे थे कि तेज हवा से खेतों के बडे हिस्से में पौधे आड़े पड गए हैं जिससे फसल की पेदावार एवं अफीम का औसत बिगडने के आसार बन गए हैं।
अफीम काश्तकार रामनारायण लोधा ने बताया कि तेज हवा चलने के कारण खेतों में पचास फीसदी से अधिक फसल आडी पड़ गई है जिससे किसानों के सामने परेशानी आ गई है कि अब क्या करें। डोडों से भरी फसल में इन दिनों चीरा लगाने की तैयारी थी लेकिन, फसल आड़ी पडने के बाद अफीम का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होता है जिससे औसत पूरा करने की चुनौती भारी पड़ जाती है। उन्होंने बताया कि फसल में हुए नुकसान के बारे में विभाग के अधिकारियों को सूचित भी कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी ने आकर काश्तकारों की सुध नही ली है। इधर, दूसरी फसलों में भी फलाव व फूलाव का दौर चल रहा है ऐसे में खराब मौसम का प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका से किसान चिंतित हो रहे है।