भागवत में चार वेद, छह शास्त्र व 18 पुराणों का समावेश
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बारां. कथावाचक पंडित मुकुटबिहारी शाास्त्री ने भागवत का महत्व सुनाया। भागवत में चार वेद, छह शास्त्र व 18 पुराणों का समावेश है। वे शहर के डोल मेला तालाब स्थित श्रीनृसिंह भगवान के मंदिर में शनिवार को भागवत कथा का वाचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भागवत मनोरंजन नहीं मुक्ति का साधन है। भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने ज्ञान वैराग्य, धुंधकारी का वृतांत सुनाते हुए कहा कि मनुष्य जन्म से महान नहीं होता है। वह सदकर्म से महान बनता है। इसलिए हमें फल की इच्छा ना करते सदकर्म करते रहना चाहिए। सदकर्मों से ही हमारा जीवन दिव्य बनता है।
कलश यात्रा निकाली
इससे पहले प्यारेरामजी मंदिर से बैंडबाजों के साथ कलश यात्रा शुरू हुई, जो मुख्य मार्गों से होती हुई कथा स्थल पर पहुंची। इसमें महिलाएं व पुरुष नाचते भजन गाते चल रहे थे। कथा के मुख्य यजमान भाजपा एसटी मोर्चा नगर अध्यक्ष रामपाल मीणा सपत्नी सहित सिर पर भागवत को रख यात्रा के आगे चल रहे थे।
पौधारोपण किया
बारां. संत सिद्दीक बाबा ने कहा कि वेदों में भी पेड़ों का महत्व बताया गया है। वेद में तुलसी व पीपल को मनोवांछित पेड़ पौधों में शामिल माना है। आज पेड़ों की कटाई की जा रही है। वे अन्तररष्ट्रीय सर्वधर्म समन्वय दिवस व गुरु पूर्णिमा महोत्सव के कार्यक्रमों की शृंखला में नाकोड़ा कॉलोनी में पौधारोपण कर रहे थे। पौधारोपण कार्यक्रम सिद्दीक बाबा लोक कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित किया गया। पेड़ पौधों का सभी धर्मों में महत्वपूर्ण स्थान है। कार्यक्रम के अन्त में सीमा मीणा, सुनीता शर्मा, द्रोपदी बैरवा, राशिद अली ने सहित अन्य ने पौधारोपण किया।
विद्यालय परिसर में श्रमदान
बारां. युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय व स्वामी विवेकानंद युवा मंडल ब्रजराजपुरा की ओर से विद्यालय खेल मैदान की सफाई करके पौधरोपण कार्य किया गया। युवा मंडल के सदस्यों ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, राजकीय चिकित्सालय के अलावा प्रत्येक घर में एक पौधा लगाया तथा देखभाल का संकल्प लिया गया। यह जानकारी नेहरू युवा केंद्र बारां के ब्लॉक अध्यक्ष अंकुर सनाढ्य ने दी।
शांति पाठ आज
बारां. सनाढ्य ब्राह्मण समाज चौमुखा बाजार की ओर से रविवार सुबह पौधारोपण, शांति पाठ बरडिया बालाजी के पास समाज के सामुदायिक भवन मेंं होगा। कार्यकारिणी अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने बताया कि नवनिर्मित भवन में विभिन्न किस्म के पौधे रोपे जाएंगे। (पसं)
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