बेरिकेट््स तोड़ आगे निकल गया था अटरु रेन्ज के रेन्जर भरत राठोड़ ने बताया कि लकड़ी से भरे 18 चक्का ट्रोले के गुजरने की सूचना मिली थी। जो छीपाबड़ौद क्षेत्र से रवाना हो गया था। ट्रक को अटरू में स्टेट हाइवे पर रात्रि में करीब 11.30 बजे बैरिकेट््स की नाकाबंदी कर रुकवाने का प्रयास किया गया। लेकिन ट्रक नाकाबंदी तोडकऱ स्टॉफ को रौंदने का प्रयास करते हुए निकल गया। इसका पीछा करना शुरू किया। साथ ही बारां पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना देकर मदद मांगी। इस दौरान बारां मे फोरलेन हाइवे पर आने से से पहले भी स्टेट हाइवे पर बड़ा पत्थर डालकर रुकवाने की कोशिश की गई। लेकिन ड्राइवर ने दूसरी दिशा में जाकर भागने का प्रयास किया। फोरलेन हाइवे पर बारां पुलिस की गाड़ी भी पहुंच चुकी थी। ट्रक को पुलिस लाइन से मेट्रो चौराहे के मध्य रोका गया। रविवार रात्रि करीब 1.30 बजे ट्रक ड्राइवर समेत एक तस्कर को गिरफ्तार कर ट्रक को वन मंडल बारां के कार्यालय परिसर में खड़ा करवाया गया।
विभिन्न पेड़ों की लकडिय़ां मौजूद करीब 60 टन अवैध लकडिय़ों से भरे ट्रोले में बाहर से देखने पर नीम, पीपल, चुरेल व सफेदा समेत पंचमेल की लकडिय़ां नजर आ रही हैं। हालांकि अभी ट्रोले से लकडिय़ां खाली नहीं की गई गई हैं। ट्रोले में अन्दर और किस तरह की लकडिय़ां है, यह अभी जानकारी में नहीं आया है। संभवत: अन्दर कीमती इमारती लकडिय़ां भी हो सकती हैं।
इन्हें किया गिरफ्तार रविवार रात्रि को जब्त किए गए लकडिय़ों से भरे ट्रोले का ड्राइवर हनुमान जाट पुत्र जगदीश नारायण निवासी गोठड़ा बस्सी जयपुर, लकड़ी तस्कर पप्पूराम गुर्जर पुत्र रामकिशन निवासी मोवाई थाना डूंगरपुर को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को गहन पूछताछ के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। आगे फोरेस्ट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। ट्रोले को जब्त करने की कार्रवाई के दौरान अटरु रेन्जर भरत ङ्क्षसह राठोड़, सहायक वनपाल योगेश दत्त, वन रक्षक बलराम सहरिया, निरंजन बैरवा, धीरज कुमार, बृजमोहन गुर्जर, देवलाल तथा ड्राइवर विजय कुमार शामिल रहे।
लगातार हो रही तस्करी सूत्रों ने बताया कि छीपाबड़ौद क्षेत्र के जंगलों में लम्बे समय से अवैध लकडिय़ों का कटान कर तस्करी का सिलसिला चल रहा है। पूर्व में भी कई ट्रक लड़कियां काटकर अवैध रूप से बाहर भेजी जा चुकी हैं। उक्त ट्रोला भी छीपाबड़ौद के कचनारियां क्षेत्र से लकडिय़ां भरकर ले जयपुर ले जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि यहां के जंगलो से काटी गई लकडिय़ां अधिकतर जयपुर, लालसोट तथा जोधपुर तक तस्कर होती है। जहां पर लगी हुई बड़ी फैक्ट्रियों में फर्नीचर व प्लाई बनाने के काम में ली जाती है। वही खैर, धोकला व सागवान अवैध मंडी में नीलाम कर दी जाती है।
कर्मचारियों की कमी के चलते परेशानी जिले में अवैध कटान व लकडिय़ों की तस्करी को लेकर उपवन संरक्षक अनिल यादव ने बताया कि अभी विभाग में कर्मचारी कम चल रहे है। करीब 109 वनकर्मी राज्य के विभिन्न ट्रेङ्क्षनग सेन्टरो पर तीन माह के प्रशिक्षण के लिए गए हुए है। जिसके चलते पुख्ता व्यवस्था में अवरोध आ रहा है। ट्रोला जब्ती के मामले में छीपाबड़ौद क्षेत्र के रेन्जर को भी तलब किया गया है। जिससे इस मामले में पूछताछ की जाएगी।