शिक्षकों ने विरोध में बांधी काली पट्टी
प्रदेश भर के बेसिक स्कूलों में बुधवार को भी शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई। शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर पढ़ाया और ऑफलाइन हाजिरी लगाई। वे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, जबकि शिक्षा विभाग अपने फैसले में बदलाव करने को तैयार नहीं है।
बाराबंकी और उन्नाव के लिए निर्देश जारी
यूपी के बाराबंकी और उन्नाव में तीन दिन उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्नाव की बीएसए ने निर्देश दिए हैं कि डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगाने पर इसे विभागीय आदेश की अवहेलना माना जाएगा। बाराबंकी के बीएसए ने भी चेतावनी दी है कि 11 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस न दर्ज कराने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
बाराबंकी: सख्ती का असर
बाराबंकी के बीएसए संतोष कुमार देव पांडेय ने जिले के 9 हजार शिक्षकों और शिक्षामित्रों का तीन दिन का वेतन रोक दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 11 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस नहीं दर्ज की गई, तो संबंधित शिक्षकों और कर्मचारियों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ BSA के निर्देश
लखनऊ के बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को हर दिन कम से कम 5 स्कूलों का निरीक्षण कर पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसमें रुचि नहीं लेने वाले टीचरों के नाम उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है।
डिजिटल हाजिरी का व्यापक विरोध
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में पहले दिन शिक्षकों ने डिजिटल हाजिरी का विरोध किया। शिक्षकों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम किया। पहले दिन प्रदेश भर में केवल 6 शिक्षकों ने डिजिटल हाजिरी लगाई। शिक्षकों को डिजिटल हाजिरी सुबह 7.45 बजे से 8 बजे तक लगानी थी, जिसे अब सुबह 8.30 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा
अपर परियोजना निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक और बीएसए को पत्र भेजकर कहा है कि 11 जुलाई को दोपहर एक बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शिक्षक-छात्रों की उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी।
डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि संगठन 11-12 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों से बात कर उनकी राय जानेंगे। इसके बाद 15 जुलाई को डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया गया है। आदेश जारी करने का कारण
स्कूलों में शिक्षकों के लेटलतीफी से आने के कारण यह आदेश जारी किया गया था। पहले यह आदेश 15 जुलाई से लागू होने वाला था, लेकिन इसे 8 जुलाई से ही प्रदेश भर में लागू कर दिया गया। शिक्षक संगठनों का कहना है कि पहले उनकी मांगे पूरी की जाएं, फिर इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा।