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Stamp Scam : राजस्थान में करोड़ों का स्टांप घोटाला, कई राज सामने आए, नोटिस के बाद मचा हड़कंप

Banswara Stamp Scam : वर्तमान टीओ हितेष गौड़ ने कोतवाली में 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार 511 रुपए के स्टांप गबन का मामला दर्ज कराया था।

बांसवाड़ाMay 18, 2024 / 03:46 pm

Rakesh Mishra

Banswara Stamp Scam : बांसवाड़ा स्टांप घोटाले में पुलिस 360 डिग्री एंगल पर जांच कर रही है। इसका ही नतीजा है कि एक के बाद एक कड़ी जुड़ती जा रही है और पुलिस को हर रोज नई सफलता मिल रही है। पूर्व टीओ अरविंद शर्मा ने पुलिस की कड़ी पूछताछ में कई अहम राज उगले हैं। इसके बाद पुलिस अब पूर्व टीओ और स्टांप वेंडर को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है। हालांकि बड़ा मामला होने से पुलिस कुछ भी साफ नहीं बता रही है। दूसरी ओर जिन्हें नोटिस दिए गए हैं, उन्हें गिरफ्तारी का डर सता रहा है। गौरतलब है कि स्टांप वेंडर खांदू कॉलोनी निवासी आशीष जैन से उधार में स्टांप लेने वाले लोगों को पुलिस ने नोटिस जारी किए हैं। ऐसे में आशंका है कि कुछ को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान टीओ हितेष गौड़ ने कोतवाली में 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार 511 रुपए के स्टांप गबन का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में सहायक प्रशासनिक अधिकारी नारायण लाल यादव के साथ ही स्टांप वेंडर आशीष जैन को उनके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में वेंडर जैन ने बयान दिया था कि पूर्व टीओ अरविंद शर्मा कमीशन लेकर गैर कानूनी तरीक से स्टांप यादव के जरिए उपलब्ध कराए थे। ऐसे में पुलिस ने दो दिन पूर्व जीजीटीयू के वित्त नियंत्रक और पूर्व टीओ अरविंद शर्मा को गिरतार कर लिया। पुलिस रिमांड से पहले ही शर्मा ने बयान दिया था कि 10 लाख रुपए बतौर कमीशन मिले थे। इसे पुलिस ने पूरी तरह खारिज कर दिया था। इसके बाद कड़ी पूछताछ शुरू की गई है।

अग्रिम जमानत अर्जी के प्रयास

इधर, जिन लोगों को पुलिस ने नोटिस दिया है वे लीगल एडवाइज ले रहे हैं। ज्यादातर यही जानकारी कर रहे हैं कि उनके खिलाफ पुलिस क्या एक्शन ले सकती है। यदि पुलिस गिरफ्तार करती है तो क्या उनको जल्द जमानत मिल सकती है या फिर अग्रिम जमानत अर्जी लगानी होगी। जांच अधिकारी डीएसपी सूर्यवीर सिंह ने बताया कि अभी पूछताछ की जा रही है। पूरी टीम सभी तथ्यों की जांच पड़ताल में जुटी है।

जांच को मिली दिशा

स्टांप घोटाले के मामले पर पत्रिका लगातार नजर लगाए हुए है। पुलिस की कार्रवाई के प्रकाशन के साथ ही पत्रिका ने कई ऐसे विषयों को भी उठाया है, जिसे पुलिस ने अपनी जांच में शामिल किया है। 8 साल में एक बार भी ऑडिट नहीं होने होने का खुलासा पत्रिका में किया गया था। इसके बाद पुलिस की जांच की सूई इस ओर घूमी और पूर्व टीओ शर्मा की गिरफ्तारी हुई।
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