इधर, आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा ने 2 बीएड और 4 वर्षीय बीए-बीएड व बीएससी-बीएड कॉलेजों की सूची जारी कर दी है। इन कॉलेज में वर्ष 2023-24 में प्रवेश दिया जाएगा। सूची में 943 बीएड और 455 इंटीग्रेटेड कॉलेज शमिल हैं। कॉलेजों की संख्या के अनुसार बीएड में करीब एक लाख दस हजार और इंटीग्रेटेड में 45 हजार सीटों का अनुमान है। वहीं बांसवाड़ा में 2 वर्षीय व चार वर्षीय इंटीगे्रटेड कॉलेज की संख्या अनुसार करीब तीन हजार स्टूडेंट्स को शिक्षक प्रशिक्षण में प्रवेश मिलेगा। पीटीईटी में इस वर्ष सवा पांच लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी।
स्कूल आने के लिए विद्यार्थियों को सरकार देगी किराया
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत और एक से पांच किलोमीटर से अधिक दूसरी से आने वाले विद्यार्थियों को ट्रांसपोर्ट वाउचर के रूप में किराये का भुगतान किया जाएगा। इसमें साइकिल योजना की लाभार्थी व कक्षा 11वीं-12वीं की छात्राओं को यह लाभ नहीं मिल पाएगा। पहली से 5वीं तक पढ़ने वाले और अपने निवास से एक किलोमीटर से अधिक दूरी से आने वाले, छठी से आठवीं तक के दो किमी से अधिक दूरी से आने और 9वीं-10वीं की 5 किमी से अधिक दूरी से स्कूल आने वाले विद्यार्थी योजना से लाभान्वित होंगे। संस्था प्रधानों को इस शिक्षण सत्र में पहली से 8वीं तक के सभी विद्यार्थियों को तथा 9वीं तथा दसवीं की बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर के माध्यम से ट्रांसपोर्ट भत्ता देने के निर्देश दिए गए हैं।
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इतनी मिलेगी राशि
प्राथमिक कक्षाओं के बालक-बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर के रूप में प्रति उपस्थिति पर 10 रुपए, उच्च प्राथमिक के विद्यार्थियों को 15 रुपए अथवा सत्र पर्यंत अधिकतम 3 हजार रुपए तथा 9वीं तथा 10वीं की बालिकाओं को 20 रुपए प्रति उपस्थिति अथवा सत्र पर्यंत 5 हजार 400 रुपए ट्रांसपोर्ट वाउचर के रूप में दिए जाएंगे। 9वीं तथा 10वीं की बालिकाएं निशुल्क साइकिल या ट्रांसपोर्ट वाउचर में से एक ही योजना का लाभ ले सकेंगी। राशि विद्यार्थियों के अभिभावक के बैंक खाते में दी जाएगी। योजना के क्रियान्वयन में किसी भी पात्र विद्यार्थी के वंचित रहने और अपात्र के चयनित होने पर संस्थाप्रधान जिम्मेदार होंगे।
2023-24 में पार का पेंच गायब !
एनसीटीई की ओर से पूर्व में जारी पार ( परफोरमेंस एप्रेसल रिपोर्ट) नहीं भरने वाले सभी कॉलेजों पर पूर्व में जीरों सेशन की तलवार लटकी थी। मामला कोर्ट तक भी पहुंचा था। पर, वर्ष सत्र 2023-24 में काउंसलिंग के लिए जारी कॉलेजों की सूची में उन सभी कॉलेजों के नाम भी शामिल कर लिए गए हैं, जिन्होंने पार नहीं भरा था। इससे निजी कॉलेज संचालकों को भी राहत मिली है। ऐसे में यह भी स्पष्ट है कि शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों की संख्या कम नहीं होगी और न ही सीटे कम होगी। उल्लेखनीय है कि अब इन दोनों की पाठयक्रम में नए कॉलेज नहीं खोल आईटीईपी कोर्स प्रारंभ कर यिा गया है। पर, पूर्व में संचालित कॉलेजों पर फिलहाल इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
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सत्र आएगा पटरी पर
इधर, परीक्षा परिणाम समय पर जारी होने के साथ ही शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों का शिड्यूल पटरी पर आने की भी उम्मीद है। विगत वर्षों में परीक्षा-परिणाम में देरी के चलते काउंसलिंग प्रभावित हुई थी और सेशन अगस्त में प्रारंभ हुआ था। बताया जा रहा है कि परिणाम के साथ ही जुलाई के प्रथम सप्ताह में काउंसलिंग और 10 से 15 जुलाई के बीच प्रथम काउंसलिंग के बाद चयनितों को कॉलेज आवंटित कर दिए जाएंगे।
जल्द जारी करेंगे
पीटीईटी का परिणाम जारी करने की पूरी तैयारी है। हमारा प्रयास है कि शिक्षक प्रशिक्षण का सत्र समय पर स्टार्ट हो जाएग। जून माह में ही परिणाम आएगा।
– डॉ. मनोज पंड्या, परीक्षा नियंत्रक जीजीटीयू