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बांसवाड़ा

राजस्थान सरकार की नई योजना, किसानों को मिलेगी 50 हजार की सब्सिडी, जानें क्यों

Rajasthan News : राजस्थान की सरकार की नई योजना। इसके तहत सरकार किसानों को 50 हजार की सब्सिडी देगी। जानें इस योजना के बारे में।

बांसवाड़ाSep 13, 2024 / 05:58 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Government New Scheme Farmers will Get 50 Thousand Rupees Subsidy

राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा

Rajasthan News : राजस्थान में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों को प्रोत्साहन देना शुरू किया है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से पूरे राजस्थान में 5 हजार वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने का लक्ष्य साधा है। इस कदम के तहत बांसवाड़ा जिले में 100 वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाई जाएंगी। इसके लगाने पर किसानों को अनुदान भी दिया जाएगा। ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़ सकें। अधिक से अधिक किसान जैविक खेती को अपनाएं, इसके लिए राजस्थान सरकार ने राज्य में वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के लिए सब्सिडी देने की योजना शुरू की है। योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में कुल 5 हजार वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाई जाएंगी।

अधिक लक्ष्य पर निकालेंगे लॉटरी

सब्सिडी यूनिट लगाने के लिए किसान ई-मित्र केन्द्र पर या राजस्थान किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने पर पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किसान को सब्सिडी दी जाएगी। लक्ष्य से अधिक आवेदन होने की स्थिति में लॉटरी निकाली जाएगी। इसके लिए किसानों के पास कम से कम 6 महीने पुरानी जमाबंदी होना जरूरी है।
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यह है वर्मी कम्पोस्ट

1- पक्के शेड की ऊंचाई बीच में कम से कम 10 फीट और किनारे से 8 फीट होनी चाहिए। एक इकाई के लिए कम से कम 60 किलोग्राम केंचुए, रजिस्टर्ड गैर सरकारी संस्थान, गौशाला, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि अनुसंधान केंद्र, कृषि कॉलेज आदि से किसान खरीद सकते है। प्रत्येक बेड में 400-400 ग्राम ट्राइकोडर्मा और एक किलो नीम की खली उपयोग करना होगा।
2- वर्मी कपोस्ट, केंचुओं के जैविक पदार्थों को खाकर और फिर उनके पाचन तंत्र से गुज़रने के बाद बनने वाला मल होता है
3- इसे वर्मीकल्चर या केंचुआ पालन भी कहा जाता है
4- ये डेढ़ से दो महीने में तैयार हो जाता है
5- यह हल्का काला, दानेदार होता है और दिखने में चाय पत्ती जैसा होता है
6- इसमें मुख्य पोषक तत्वों के साथ दूसरे सूक्ष्म पोषक तत्व, हॉर्मोन, और एंजाइम भी होते हैं
7- इसका इस्तेमाल बागवानी और जैविक खेती में किया जाता है।
8- इससे मिट्टी की कंडीशनिंग होती है।
9- इससे बदबू नहीं आती और मच्छर-मक्खियां नहीं बढ़तीं।
10- वातावरण प्रदूषित नहीं होता।

इतना मिलेगा अनुदान

स्थाई वर्मी कंपोस्ट इकाई पर सब्सिडी लेने के लिए किसान के पास एक जगह पर न्यूनतम खेती योग्य 0.4 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए। वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के लिए 30 फीट गुणा 8 फीट गुणा 2.5 फीट आकार के पक्के निर्माण के साथ वर्मी कंपोस्ट इकाई स्थापना के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपए प्रति इकाई के अनुसार किसानों को अनुदान दिया जाएगा।

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