यह भी बताया कि जब जिम्मेदार पल्ला झाड़ लें तो आमजन को बचाव के लिए कुछ न कुछ उपाय करने ही पड़ते हैं। ऐसा ही अजीबो गरीब जुगाड़ बांसवाड़ा शहर के सुभाष नगर और लेक्चरर कॉलोनी क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। जहां लोगों ने कुत्तों के आतंक से बचने के लिए घरों के बाहर विभिन्न रंगों के पानी की बोतलों को भर कर रखना शुरू कर दिया है। क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि इन बोतलों को घरों के बाहर रखने से कुत्ते घर आसपास नहीं आते हैं।
बहुत ज्यादा समस्या
इस मौसम में कुत्तों से काफी दिक्कत है। रात में इतना शोर मचाते थे, कि सो नहीं सकते। इन बोतलों को रखने से काफी राहत है। सारे शहर में कुत्तों का आतंक है, लेकिन नगर परिषद की नींद नही खुली है बड़े जन हादसे का इंतजार है।-प्रभुलाल प्रजापति, क्षेत्रवासी बारिश में बढ़ जातीहै संख्या
बारिश के दिनों में क्षेत्र में कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है। ये दिन में घरों की पेढ़ियों पर बैठ कर खूब उत्पात मचाते हैं। घरों के बाहर निकलने वालों को भौंकते हैं। इसके चलते बीते 10- 12 दिनों से बोतलें रखना शुरू किया। इसके बाद से कुछ राहत है।-
योगेश भावसार, क्षेत्रवासी
न दिन में सुकून,न रात में चैन
क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि बीते कुछ समय से क्षेत्र में कुत्तों की संख्या काफी बढ़ गई है। ये दिन में घरों की चबूतरियों पर बैठ गंदा करते हैं और रात में घरों के बाहर भौंकने से नींद तक दुश्वार है। कई बार हमला भी कर देते हैं। क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि स्थिति यह है कि यदि एक साथ दो तीन से ज्यादा कुत्ते एक साथ हों तो बच्चों का निकलना मुश्किल हो जाता है।
सोशल मीडिया पर भी वायरल ‘टोटका’
कुत्तों से बचने के लिए घरों के बाहर लाल बोतल का टोटका कोई बांसवाड़ा शहर में ही प्रचलित नहीं हो रहा है। बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इससे जुड़े कई वीडियो वायरल हो चुके हैं।
रंगों से इन्हें कोई परहेज नहीं
कुत्तों में रंगों की पहचान को लेकर कोई परहेज नहीं है। इन्हें रंग स्पष्ट समझ आते हैं। रंगीन बोतलों से कुत्तों का न आना यह सिर्फ लोगों का भ्रम हो सकता है।-डॉ. पंकज पांडे, वरिष्ठ पशु चिकित्सक, पॉलीक्लीनिक, बांसवाड़ा