दो टूक राय रखने वाले पंचायतराज राज्य मंत्री धनसिंह रावत ने यह बात कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से मंगलवार को आयोजित विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त की। किसानों को गुमराह करने का भी आरोप इस मौके पर वह इस बात को लेकर भी बरसे कि कृषि अधिकारी किसानों को अब तक गुमराह करते आए हैं। अधिकारी यह कहते रहते हैं कि वागड़ के किसान तो ऐसे हैं कि इनका जितना उपयोग कर सको कर लो। इनको तो ऐसे ही घुमते रहने दो।
यह समझदार हो जाएंगे तो हमको मान नहीं देंगे। रावत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब वह समय नहीं रहा और नेता भी पूराने नहीं रहे। जितना जल्दी हो सके अधिकारी अपना रवैय्या बदल लें।
पहले पता होता तो कार्यक्रम में ही नहीं आता
कार्यक्रम में कुर्सियों की की कमी के कारण धरतीपुत्रों को धरती ही नसीब हुई, इसको लेकर भी राज्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि यदि उनको पहले से पता होता कि किसान भाइयों को कुर्सियां नहीं मिलेंगी तो वह इस कार्यक्रम में ही नहीं आते। उन्होंने ताकिद करते हुए कहा कि भविष्य में कोई कार्यक्रम हो तो सही व्यवस्था करें। बदले-बदले सरकार नजर आए कई बार विवाद भरे बयान देने वाले रावत का रुख यहां बदला-बदला नजर आया।
उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मणों और बनियों ने हमे नहीं लूटा है। नेताओं ने गलत भाषण देकर 70 सालों तक उनके खिलाफगुमराह किया है। इसलिए पुरानी बातों को भुलाकर उनको गुरुमानना है, ताकि वह आपकी मदद कर सकें।
उन्होंने इस मौके पर सिंधी समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पास कुछ भी नहीं था, लेकिन आज वह साधन सम्पन्न हैं और हमारे पास 50-60 बीघा जमीन थी, लेकिन आज हमारे पर कुछ भी नहीं है। जिसका मुख्य कारण हम समय के साथ समझदार नहीं हो पए।
इसके लिए उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वह कृषि वैज्ञानिकों की मदद से नकदी फसलें पैदा करें जिससे अच्छी आमदनी हो सके। कृषि सुधार के लिए होगा जनवरी में प्रशिक्षण
इस दौरान राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि किसानों को आमदनी दुगुनी करने के लिए खेती में बदलाव लाना पड़ेगा। गेहूं व मक्का करने के स्थान पर सब्जियां, मशरुम, मुर्गी पालन, बकरी, खरगोश पालन से ज्यादा फायदा होगा। इस बारे में जानकारी देने के लिए ५ जनवरी को कृषि अनुसंधान विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
जिसमें किसानों को उन्नत कृषि विस्तार के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डा आर एल सोनी, उपनिदेशक कृषि विस्तार रमेश जारोली, हरगिलास मीणा, डा. हिरालाल, डा. बीएस माही, डा. रामवघेल, डा. कुलदीप आदि ने विचार व्यक्त किए।
वहीं कार्यक्रम में भाजपा ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष रणछोड़ पाटीदार, जिपस किशोरी लाल मईड़ा, मनोज दायमा, राजा रावत उपस्थित थे। संचालन डा. जीएल कोठारी ने किया।