राज्यमंत्री ने कहा कि कार्यकर्ताओं को विश्वास था कि टिकट मुझे मिलेगा, लेकिन कुछ चापलूसों के कारण टिकट कटा। गलत रिपोर्ट देकर टिकट कटवाया है। इससे हताश होने की जरूरत नहीं है। जिसे टिकट मिला, उससे कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं हैं। पार्टी उच्च नेतृत्व दोबारा सर्वे एवं रिपोर्ट लेकर आमजन की भावनाओं के अनुरूप निर्णय करे। इस दौरान पार्टी जिला उपाध्यक्ष योगेश जोशी, मंडल अध्यक्ष रणछोड़ सोलंकी, नारायणलाल मईड़ा, कालूराम मईड़ा, सरपंच सत्यनारायण मीणा, मोनिका, वनिता देवी आदि ने संबोधित किया।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रावत ने कहा कि टिकट नहीं मिलने पर जिला अध्यक्ष ने आत्महत्या करने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने समझाया यह गलत बात है। जिलाध्यक्ष कमजोर दिल का नहीं होना चाहिए। टिकट मिले या नहीं मिले, आलाकमान अच्छा निर्णय लेगा। वहीं इस मामले में जिलाध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी ने कहा कि ऐसी कोई बात ही नहीं हुई। मैं संगठन का व्यक्ति हूं। कल भी उनके समर्थकों से समझाइश की थी। उन्होंने यह भी कहा कि रावत से इस बारे में बात की थी तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे तो किसी कार्यकर्ता के बारे में कह रहे थे और मुंह से जिलाध्यक्ष शब्द निकल गया।