विद्युत उत्पादन निगम के अनुसार आगे कागदी बांध की भराव क्षमता को देखते हुए दोनों इकाइयों को धीमा ही चलाया जा रहा है। इस बीच, जल संसाधन विभाग ने माही बांध माही बांध का जलस्तर 281.25 मीटर बनाए रखने हुए मध्यप्रदेश से पानी की आवक बढऩे पर बुधवार को 16 गेट खोलकर 60 हजार क्यूसेक से अधिक की रफ्तार से पानी छोड़ा।
बावजूद कागदी से बायीं मुख्य नहर के जरिए लीलवानी पावर हाउस को पानी नहीं मिला। इससे यहां 45-45 मेगावाट की दोनों इकाइयां बंद ही रहने से लाखों का बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है।
प्रतापगढ़ में पांच इंच बारिश, माही बांध के 16 और कोटा बैराज के 13 गेट खोले, हाड़ौती में भारी बारिश की चेतावनी निगम के अधीक्षण अभियंता दिलीप गेहानी ने बताया कि निगम की तरफ से पूरी तैयारी रही। पूर्व में वार्ता में मिले आश्वासन को लेकर बुधवार को फिर पानी देने की बात की गई, लेकिन एलएमसी पुनरुद्धार का काम लंबित होने और आगे मशीनरी पड़ी होने से जल संसाधन विभाग के उच्चाधिकारियों ने जल प्रवाह शुरू नहीं किया।
लीलवानी में 10 लाख यूनिट का औसत बिजली उत्पादन रोज संभव है, लेकिन पानी का सदुपयोग संभव नहीं हो पा रहा है। कीमत के लिहाज से अनुमानित तीन रुपए प्रति यूनिट भी मानें, तो यहां बिजली उत्पादन नहीं होने से रोज का तीस लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।