जबकि, विभिन्न विभागों में 97 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही 3 कर्मचारियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया गया है। सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले विभाग में पुलिस, चिकित्सा, पंचायती राज, प्रारंभिक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, वन विभाग के साथ ही कई अन्य विभाग शामिल हैं। जिले में जब से एक बार डमी अभ्यर्थी का मामला सामने आया तो फिर इसने रुकने का नाम नहीं लिया।
कार्रवाई की जद में अभी तक 32 शिक्षक आ चुके हैं। जबकि, चिकित्सा में सूचना सहायक व लिपिक के साथ ही संस्कृत शिक्षा विभाग के एक प्रधानाचार्य के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। वहीं वन विभाग में तो पेपर लीक का मामला सामने आया। जबकि, गलत जांच कर प्रार्थी को अनैतिक लाभ दिलाने के मामले में एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने एएसआई मणिलाल और कांस्टेबल कमलेश को सस्पेंड कर दिया। जबकि सांचोर जिले के चितलवाना थाने के कांस्टेबल श्रीराम जाट को बांसवाड़ा में डमी के रूप में परीक्षा देने के कारण सस्पेंड किया गया।
वन विभाग: 6 वनरक्षकों की नौकरी गई
वन विभाग में पेपर लीक के जरिए वनरक्षक बने सभी 6 वनरक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया। विभाग ने 26 जुलाई को शिल्पा, शीला, संगीता, निरमा कटारा के साथ ही सुखराम डामोर और सुभाष डिंडोर के खिलाफ कार्रवाई की है। चिकित्सा विभाग में पूर्व पीएमओ डॉ. रवि उपाध्याय का आदेश शेष है। डॉ. उपाध्याय 15 दिन से जेल में हैं। उन पर गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने का आरोप है। तलवाड़ा अस्पताल में क्लर्क योगेंद्र सिंह के आदेश का भी इंतजार है। उसने पिता की दुर्घटना में मौत बता नौकरी हथियाई थी। सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार ने बताया कि अभी तक जो भी मामले सामने आए हैं उनकी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। 8 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
पंचायती राज: एक बर्खास्त, 2 निलंबित
पंचायती राज विभाग की ओर से 2 जुलाई को कर्मचारी सकन सिंह खड़िया को बर्खास्त कर दिया। सकन पर डमी केस के चलते कार्रवाई की गई। जबकि, ग्राम विकास अधिकारी कमला शंकर पारगी और कनिष्ठ सहायक राकेश डामोर के खिलाफ जांच में सहयोग नहीं करने पर निलंबन की कार्रवाई की है। बांसवाड़ा जिला बनने के बाद पहली बार सितंबर 1948 में सी शंकर को कलेक्टर के रूप में लगाया गया था। इसके बाद से अभी तक बांसवाड़ा जिले में 61 कलेक्टर लगाए जा चुके हैं। वहीं जिले में जिला एवं सेशन न्यायालय की घोषणा 17 मई 1975 को की गई थी। इसके बाद साथ से अलग अलग क्षेत्र और आवश्यकता के अनुरूप न्यायालय की संया लगातार बढ़ती रही है।
यह भी जानें: 76 साल में 61 कलक्टर लगाए गए
पुलिस ने 26 शिक्षकों के खिलाफ अभी तक रिपोर्ट दर्ज की है। इसमें से 6 को बर्खास्त किया जा चुका है। जबकि, 4 की दुराचरण रिपोर्ट विभाग को मिल चुकी है। 18 शिक्षक ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ थाने में रिपोर्ट तो दर्ज है पर कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 7 शिक्षकों को बर्खास्त किया है। जिला परिषद की बैठक में 14 जुलाई को बादर गरासिया, महेशचंद्र पटेल, अनूप डोडियार, महेंद्र सिंह, गीता देवदा, खातू राम और सविता डोडियार के खिलाफ कार्रवाई की।
कार्रवाई जल्द
आज ही 4 शिक्षकों की दुराचरण रिपोर्ट मिली है। पहले निलंबन और फिर बर्खास्त किया जाएगा। इससे पहले विभाग की ओर से 6 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की थी। श.फ़.ब. अंजुम,जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक