घाटोल क्षेत्र में जगह-जगह पेड़ गिर जाने व कवेलूपोश घरों के छप्पर, टीनशेड उडऩे से लोगों का बचना मुश्किल हो गया। लोग जान बचाने को इधर-उधर भागने लगे। करीब आधे घंटे के तूफानी दौर में मियासा, पाड़ला व मुड़ासेल के कई गांवों में पेड़, मकानों को नुकसान हुआ। रात गुजारने के बाद सोमवार सुबह प्रशासन को इसकी सूचना मिलते ही घाटोल विधायक हरेन्द्र निनामा, प्रधान सोनादेवी, एसडीओ दिनेश मंडोवर, तहसीलदार, विकास अधिकारी समेत पूरा प्रशासनिक लवाजमा व जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे एवं स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों को सरकार से हरसम्भव मदद दिलाने का आश्वासन दिया।
पाड़ला सरपंच गोपाल ने बताया कि इस क्षेत्र में ऐसी तबाही पहली बार हुई है। पहले करीब 20 मिनट तक बारिश हुई। इसके बाद बारिश थम गई, लेकिन तेज हवा के साथ बवंडर सा उठा, जो पाड़ला, मयास, मुड़ासेल, गोजराठौर, खूटियां डूंगरी, गरड़ा, मारिया से होते हुए भूंगड़ा क्षेत्र से होकर माहीडेम की ओर निकल गया। बारिश व तूफान के दौरान मची तबाही से घरों में हुए नुकसान के साथ खाने-पीने, सोने-ओढऩे समेत सभी घरेलू सामान खराब हो गया। सोमवार सुबह लोगों ने क्षतिग्रस्त आशियानों को संवारने के साथ खाद्य सामग्री, अनाज, बिस्तर, कपड़ों के इंतजाम में लगना पड़ा।
तूफान के दौरान घरेलू कनेक्शन की थ्री फेज एवं जल स्रोत कुओं, ट्यूबवेल आदि पार जा रहे कनेक्शन की लाइनों के खम्भे टूटने से तार जमीन पर पड़े हुए हैं। इनकी निगम कार्मिकों की ओर से सोमवार को कोई सुध नहीं ली गई। बिजली गुल रहने के चलते दिन में लोग गर्मी से बेहाल रहे तो, रात भी अंधेरे में गुजारने को मजबूरी बन गई। तूफान के दौरान गिरे पड़ों को सडक़ मार्गों से पंचायत प्रशासन से जेसीबी से हटवाए। इसके बाद पीपलखूंट-भूंगड़ा, घाटोल से पाड़ला आदि मार्गोँ पर दोपहर एक बजे बाद आवागमन सुचारू हो सका। इस बीच लोगों को भारी परेशानी रही।
पाड़ला सरपंच गोपाल ने बताया कि क्षेत्र में रविवार शाम आए चक्रवती बवंडर ने भारी तबाही की है। तीन पंचायत क्षेत्रों में करीब 1200 मकानों में नुकसान होने के साथ, पेड़ गिर गए। खम्भे टूट गए। विधायक व प्रशासन ने दौरा कर नुकसान का जायजा लिया है। हर घर में नुकसान की रिपोर्ट बना कर हर संभव मदद का प्रशासन व विधायक ने आश्वासन दिया है।