scriptBig News….बांसवाड़ा में ज्यादातर कलस्टर का वन अनारक्षण अवधि खत्म, जिले की कई खानों पर संकट | Forest dereservation period of most clusters in Banswara ends, crisis | Patrika News
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Big News….बांसवाड़ा में ज्यादातर कलस्टर का वन अनारक्षण अवधि खत्म, जिले की कई खानों पर संकट

बांसवाड़ा जिले में छह कलस्टरों में संचालित कई खानों पर संकट खड़ा हो ग्रया है। इन कलस्टरों में से ज्यादातर की वन अनारक्षण की अवधि समाप्त हो जाने और एनपीवी राशि जमा न होने से येे हालात बने हैं। खान विभाग ने कलस्टरों के खनन पट्टाधारियों को एनपीवी जमा कराने और वन अनारक्षण अवधि बढ़वाने के लिए नोटिस थमा दिए हैं और ऐसा न होने पर खानें बंद करने की भी चेतावनी दी है।

बांसवाड़ाDec 09, 2019 / 10:41 am

deendayal sharma

Big News....बांसवाड़ा में ज्यादातर कलस्टर का वन अनारक्षण अवधि खत्म, जिले की कई खानों पर संकट

Big News….बांसवाड़ा में ज्यादातर कलस्टर का वन अनारक्षण अवधि खत्म, जिले की कई खानों पर संकट

चेतन द्विवेदी. बांसवाड़ा. जिले में छह कलस्टरों में संचालित कई खानों पर संकट खड़ा हो ग्रया है। इन कलस्टरों में से ज्यादातर की वन अनारक्षण की अवधि समाप्त हो जाने और एनपीवी राशि जमा न होने से येे हालात बने हैं। खान विभाग ने कलस्टरों के खनन पट्टाधारियों को एनपीवी जमा कराने और वन अनारक्षण अवधि बढ़वाने के लिए नोटिस थमा दिए हैं और ऐसा न होने पर खानें बंद करने की भी चेतावनी दी है।
जिले में त्रिपुरा सुंदरी खान क्षेत्र में दो कलस्टर, पालोदा, खेमातलाई, वि_लदेव तथा जगपुरा खान क्षेत्र में एक-एक कलस्टर भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय नई दिल्ली की ओर से स्वीकृत किए हुए हैं। ताजा मामला त्रिपुरा सुंदरी खान क्षेत्र के कलस्टर एक का है जिसकी वन अनारक्षण की अवधि 15 नवंबर को समाप्त हुई है। इससे पहले अन्य कलस्टरों की भी वन अनारक्षण की अवधि समाप्त हो चुकी है। इस स्थिति में बड़ी संख्या में खानों पर संकट मंडरा रहा है और खान संचालक इस अड़चन को दूर करने की कवायद में जुटे हुए हैं।
कुछ खनन पट्टाधारी ले आए स्थगन

त्रिपुरा सुंदरी खान क्षेत्र के कलस्टर एक में कुल 51 खनन पट्टे हैं, लेकिन वर्तमान में 20 खनन पट्टे प्रभावशील हैं। इनमें से 16 पट्टाधारियाों ने कोर्ट ेसे स्थगन ले लिया है। इस कलस्टर की करीब दो करोड़ 85 लाख अवधि वृ़द्धि की नेट प्रजेंट वेल्यू आफ फोरेस्ट लैण्ड(एनपीवी) राशि जमा होनी है, लेकिन इनमें से प्रभावशील खनन पट्टाधारियों ने ही अपने-अपने क्षेत्र की व कॉमन एरिया की अनुपातिक रूप से गणना कर राशि (एनपीवी) जमा करवाई है। अन्य खनन पट्टाधारियों ने यह राशि नहीं जमा कराई है और इससे पूरे कलस्टर की राशि जमा नहीं हो पा रही है। इससे वन अनारक्षण की अवधि बढवाऩे की प्रक्रिया में अड़चन बनी हुइ्र्र है।
ये है प्रावधान

खान विभाग के खनि अभियंता राजेश हाड़ा के मुताबिक भारत सरकार, के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से 30 नवंबर 2017 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार समूह के रूप में स्वीकृत खनन लीजों के मामलों में प्रत्यावर्तित किए गए सम्पूर्ण वन क्षेत्र की एनपीवी राशि जमा कराई जानी आवश्यक है।
कलस्टरों की वर्तमान स्थिति

त्रिपुरा सुंदरी के कलस्टर एक व दो के खान क्षेत्र में वर्तमान में 23 पट्टाधारियों के खान पट्टे प्रभावशील है जबकि पूर्व में 88 खनन पट्टे प्रभावशील थे। इसी तरह खेमा तलाई वन क्षेत्र में सात खनन पट्टे प्रभावशील थे, जिसमें से वर्तमान में एक खनन पट्टा प्रभावशील हैं। उक्त कलस्टर के कुछ पट्टाधारियों की ओर से ही उनके खनन पट्टे की वन भूमि क्षेत्र की एनपीवी राशि स्वयं के स्तर पर जमा कराकर कार्यालय में वन क्षेत्र की अवधि वृद्धि के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। खेमा तलाई कलस्टर की अवधि भी तीन फरवरी 2017 को समाप्त हो चुकी है। वहीं त्रिपुरा सुंदरी कलस्टर संख्या एक की वन अनारक्षण अवधि 15 नवंबर 2019 को हुई तथा कलस्टर संख्या दो की अवधि 31 अक्टूबर 2021 को समाप्त होगी।
इनके प्रस्ताव भिजवाए

इन कलस्टरों में से पालोदा खान क्षेत्र, वि_लदेव खान क्षेत्र, जगपुरा खान क्षेत्र के पट्टाधारियों की ओर से वन अनारक्षण की अवधि वृद्धि के लिए प्रस्ताव खान विभाग मेंं प्रस्तुत किए हुए हैं, जिसमें से पालोदा खान क्षेत्र के पट्टाधारियों के वन अनारक्षण अवधि वृद्धि के प्रस्ताव निदेशालय में भी भिजवाए जा चुके हैं।

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