अपना निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए रावत ने कहा कि विधानसभा चुनाव लड़ कर गलती की थी। उन्होंने कहा कि और गलती की सजा मुझे ही मिलनी चाहिए। 2025 तक किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने और संगठन में कोई पद चाहने से साफ इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर प्रधानमंत्री बनना देखना चाहते हैं और इसके लिए वे मिशन के रूप में काम करेंगे।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के अन्तर्गत नाम वापसी के अंतिम दिन बांसवाड़ा जिले में राजनीतिक दृष्टि से चौंकाने वाली चीजें सामने आईं थीं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की कोशिशों के उपरांत भी बांसवाड़ा विधानसभा सीट से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया और पार्टी से ही त्याग पत्र देकर सभी को हतप्रभ कर दिया था। फिर बागी के रूप में चुनाव मैदान में डट गए थे। इस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लडऩे पर रावत को छह साल के लिए निष्कासित भी कर दिया था। उनके साथ सागवाड़ा विधायक अनिता कटारा को भी निष्कासित किया गय था। अब रावत को अपनी गलती पर पछतावा हो रहा है।