साबला/डूंगरपुर/बांसवाड़ा. लगातार बारिश के बाद वागड प्रयाग बेणेश्वरधाम मंगलवार को टापू में तब्दील होने के बाद गुरुवार करीब चार बजे बाद साबला-बेणेश्वर पुल पर जलस्तर कुछ कम होने पर लोग जोखिम उठाकर पुल से गुजरे वहीं, बेणेश्वर वालाई तथा बेणेश्वर-बांसवाड़ा माही पुल पर करीब पांच फीट की चादर चली। बुधवार सुबह साबला पुल पर करीब एक से दो फीट पानी की चादर के बीच राम देवरा के श्रद्धालु एवं मावजी के पेनोरमा के श्रमिक परस्पर हाथ-पकड़ कर सुरक्षित बाहर निकले। इस दरम्यान साबला थाना अधिकारी धूलजी प्रजापत व पुलिस कर्मी मौजूद रहे। धाम पर किसी को जाने की अनुमति नहीं दी गई। शाम करीब चार बजे साबला पुल पर पानी का स्तर और कम हो गया। इसके बाद इस पुल पर लोग दुपहिया व जीप से पुल को पार करते रहे। लेकिन बहते पानी में वाहन निकालकर अपनी जान जोखिम में डालने वालों को रोकने के कहीं कोई व्यवस्था नहंी थी और इस दौरान हादसे की आशंका बनी रही।