रेल परियोजना, बिजलीघरों की स्थापना के ठप पड़े कार्य शुरू किए जाएं। इससे विकास की राह प्रशस्त होगी। आम जरूरतों को पूरा करने मास्टर प्लान बनाकर लागू करें।
कॉलेज, स्कूलों में व्याख्याता-शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाएं। उच्च अध्ययन की सुविधाओं में विस्तार जरूरी है। शिक्षा का स्तर बढ़े बिना विकास की कल्पना संभव नहीं है।
माही परियोजना यहां की जीवनदायिनी है। वर्षों पुराने नहरी तंत्र को सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है। सीपेज की समस्या का समाधान हो और सिंचित क्षेत्र का क्षेत्रफल बढ़े।
पानी, श्रम और जिले के प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग कर जन विकास की योजनाएं बनाकर इनका क्रियान्वयन किया जाए, ताकि बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो सके।
पेयजल सुविधा अभी भी कई गांव-ढाणियों में नहीं है। लोग कुओं और हैडपंपों पर निर्भर है। फ्लोराईड की भी समस्या है। हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मिलना चाहिए।
शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा सरकार पारदर्शिता से खर्च करे और इसकी निगरानी भी पुख्ता रखे।
कृषि और किसानों को आर्थिक रूप से उन्नत व संपन्न बनाने की दिशा में कार्य होना चाहिए। वर्षों से बंद पड़ी कृषि मंडी का पुन: संचालन हो। पेयजल योजना बने तो पांच साल में पूरी भी हों।
पर्यटन स्थलों के विकास के लिए वृहद कार्ययोजना बने। सडक़ तंत्र को सुदृढ़ किया जाए। खनन पट्टों के आवंटन में सामान्य वर्ग को प्राथमिकता दी जाए। जनता की राय पर घोषणा पत्र बने व उसका क्रियान्वयन हो।
प्रत्याशी की शिक्षा की सीमा तय की जाए। उसकी योग्यता और भूमिका पर भी ध्यान देने की जरूरत है। प्रत्याशी ऐसा हो जो अपने क्षेत्र के लोगों की बात को सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाएं।