यहां पार्क के आस-पास लगे विद्युत पोल में बिजली के तार खुले पड़े हैं। इससे राहगीर व बच्चों को खतरा बना हुआ है तो वहीं लाइटिंग नहीं होने शाम होने के साथ ही यहां ठहरना मुश्किल है। कागदी पिकअप पर कुछ दिनों पहले इन्टरलॉकिंग सडक़ निर्माण शुरू किया गया था। कुछ दिन चलने के बाद कार्य बंद है। राह में बिखरी गिट्टी और निर्माण सामग्री के ढेर दुविधा पैदा कर रहे हैं। यहां भ्रमण पर आने वालों के मुताबिक कार्य करीब एक पखवाड़े से बंद पड़ा है। उनका कहना था कि शहर का यह स्थान काफी रमणीक है। यहां सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष सुबह के समय के अलावा दिनभर भ्रमण पर आने वालों का तांता लगा रहता है, पर उन्हें सुविधाएं नही मिल रही है।
नगर के सुनील दोसी के अनुसार कागदी पिकअप की प्रशासन को सुध लेनी चाहिए। यहां चहुंओर हिलोरे लेता जल एवं हरियाली से आच्छादित टीले काफी मनोहारी लगते हैं। इन सब सुविधाओं का संरक्षण के साथ व्यवस्थाओं में इजाफा होना चाहिए।
शहर के राजीव भट्ट का कहना है कि कागदी पिकअप जैसा सुंदर स्थान राजस्थान में शायद ही अन्यत्र होगा। लेकिन इसकी जो दुर्दशा हो रही है, उससे लगता है कि यहां पर आना अपने आप में सजा है। लोग चाहते हैं कि जो भी संबंधित हैं वे स्वयं यहां आकर देखें। जो कार्य शुरू हुआ, वह भी बंद है। ट्रेक बन रहा है, उसमें भी गुणवत्ता नहीं है।
कागदी पिक अप वियर की ऐसी दशा चिंताजनक है। शहर के कई भाग में जहां बच्चों के खेलने के लिए मैदान व पार्क नहीं हैं और जहां हैं तो वहां देखरेख करने वाले बेफ्रिक हैं। जबकि, प्रदेश के अन्य शहरों में पानी के आस-पास के नजारे दर्शनीय हंै। उदयपुर का फतहसागर इसका अच्छा उदाहरण है। अब, प्रदेश में नई सरकार निर्वाचित हो चुकी है और बांसवाड़ा विधायक भी शहर के सौन्दर्यीकरण की मंशा जता चुके हैं। ऐसे में अब आवश्यकता योजना बनाने व क्रियान्वयन की है।