इस मिशन के साथ भेजे जाने वाले 19 पे-लोड (वैज्ञानिक उपकरणों) में से 16 पूर्ण स्वदेशी उपकरण होंगे। वहीं, एक पे-लोड भारत और स्वीडन की साझेदारी में और एक पे-लोड भारत और जर्मनी की साझेदारी में तैयार होंगे। एक-पे-लोड का निर्माण रूस करेगा। यह मिशन एलवीएम-3 से लांच किया जाएगा और इसपर लगभग 1236 करोड़ रुपए की लागत आएगी।